पत्रकार को फसाने के लिए ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाने वाली दोनों शिक्षिका स्वयं दोषी दोनों निलंबित

सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र बलरामपुर कुछ दिनों पूर्व बलरामपुर जिले के राजपुर में एक पत्रकार को वीडियो बनाकर पैसे की मांग करने के मामले में झूठा आरोप लगाकर फसाने का मामला प्रकाश में आया था,और पत्रकार का पक्ष जाने बिना ही उसके विरुद्ध अपराध पंजीबद्ध कर दिया गया था,जिस मामले में जब पत्रकारों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने वाले कुछ वरिष्ठ पत्रकार आगे आय और मामले की जांच अपने स्तर पर करते हुए पीड़ित पत्रकार को न्याय दिलाने के लिए सभी सक्षम दस्तावेजों के साथ अधिकारियों को अवगत कराया और इस मामले पर जांच करवाई गई।

जिस वीडियो को आधार बनाकर फसाया गया था पत्रकार को वही बना पीड़ित पत्रकार के लिए मिल का पत्थर

पत्रकार लोक तंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है और अपनी सटीकता के लिए जाना जाता है और यही पीड़ित पत्रकार के साथ भी हुआ वरिष्ठ पत्रकारों के मार्गदर्शन में जब इस मामले की जांच पड़ताल हुई तब पता चला कि अपनी चोरी छुपाने के लिए पत्रकार पर वीडियो के एवज में पैसे मांगने का आरोप लगाते हुए एकतरफा कार्यवाही की गई थी लेकिन जब वही वीडियो सबके सामने आया तो पता चला कि परीक्षा में वास्तविक छात्रा जिसे परीक्षा में बैठना चाहिए उसके जगह कोई और छात्रा बैठी थी और उसके जगह परीक्षा दे रही थी।

जब चोरी पकड़ी जाए तब मिलकर पत्रकार को फसाया जाय

आजकल यही दौर चलने लगा है कि जब पत्रकार कोई साक्ष्य प्राप्त करता है जिससे किसी अधिकारी, कर्मचारी या कोई रसूखदार जिसे उस खबर के लगने से परेशानी होती है वह पत्रकारों को किसी भी प्रकार से फसाने का प्रयास करता है जिसमें एक आम हो चुका आरोप है पैसे की मांग करना,जब कोई हथकंडा नहीं हो पाता है तो उस पत्रकार को फसाने के लिए सीधा एक आरोप लगाया जाता है कि उस व्यक्ति के द्वारा खुद को पत्रकार बताते हुए ब्लैकमेल करते हुए पैसे की मांग की गई है। रही बात पत्रकार बताने को तो जो व्यक्ति खुद को पत्रकार बता रहा होता है उसके पास उसके संस्था का परिचय पत्र होता है जिसे आजकल के अनपढ़ जिम्मेदार लोग देखना या समझना तक जरूरी नहीं समझते और रही बात पैसों की तो आप पहले खुद का आंकलन कर के भी देख सकते हैं कि जिसे आपसे पैसे चाहिए होंगे वो आपसे कभी न्यूज की बात ही नहीं करेगा,वो बस पैसों की बात करेगा। अगर पत्रकार पैसे लेकर खबरों को चलते ही नहीं तो आज टीवी और समाचारपत्रों में केवल विज्ञापन ही होते खबरें नहीं। लोग पैसे मांगने का आरोप लगा सकते हैं और कई सारे हथकंडे भी अपना सकते हैं ऐसे लोगों को उद्देश्य केवल अपनी चोरी छुपाने ही होता है।

शिक्षा विभाग का आदेश

शासकीय प्राथमिक शाला उधेनूपारा विकासखंड राजपुर में कक्षा 5वीं की परीक्षा में 4 कक्षा की छात्रा को बैठाकर परीक्षा दिलाए जाने की सूचना प्राप्त पत्रकारों के द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी और विकास खंड शिक्षा अधिकारी को दी गई थी जिस पर विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी राजपुर एवं तीन सदस्यीय टीम के द्वारा जांच किया गया।
उक्त संबंध में संयुक्त जाँच समिति द्वारा जाँच में पाया गया कि संबंधित स्कूल में पदस्थ प्रधान पाठक  प्रमिला तिग्गा एवं सहायक शिक्षक नीलू केरकेट्टा के द्वारा 5वीं के कक्षा में 4 कक्षा की छात्रा को बैठाकर परीक्षा दिलाए जाने संबंधी शिकायत प्रमाणित पायी गई। संस्था में पदस्थ प्रधानपाठक प्रमिला तिग्गा एवं सहायक श्रीमती नीलू केरकेट्टा का उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम-1965 के नियम-03 का स्पष्ट उल्लंघन है। शासकीय कर्तव्य के प्रति लापरवाही बरतने के कारण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम-9 (1) (क) के तहत् जिला शिक्षा अधिकारी डी. एन. मिश्रा द्वारा प्रधान पाठक प्रमिला तिग्गा एवं सहायक शिक्षक नीलू केरकेट्टा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया किया गया है। निलंबन अवधि में श्रीमती प्रमिला तिग्गा एवं श्रीमती नीलू केरकेट्टा का मुख्यालय कार्यालय विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी शंकरगढ़ नियत किया गया है। निलंबन अवधि में श्रीमती तिग्गा एवं श्रीमती केरकेट्टा को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।

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