सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र देबाशीष गांगुली ब्यूरो प्रमुख एम सी.बी./कोरिया चिरमिरी। एक तरफ़ शासन प्रशासन द्वारा किया जा रहा इसकी टोपी उसके सर, दूसरी तरफ़ पानी की समस्याओं से ग्रसित जनता फिर रही दरबदर… लंबे समय से मटमैले पानी का सेवन करने पर आम जनता मजबूर, इन सबमें आखिर किसका कुसूर? पानी की समस्या को ले कर पी.एच.ई. विभाग की मेहनत बढ़ी, कई इलाकों में अब भी देखी जा रही मटमैले पानी की सप्लाई… एक तरफ़ पी.एच.ई. विभाग निरंतर कर रहा पानी की जांच, दूसरी तरफ़, नगर पालिक निगम को हैंडओवर लेने के लिए पी.एच.ई. विभाग रख रहा अपनी बातें, जिसे सुनने और समझने वाला कोई नहीं, कुछ ऐसा ही दुखड़ा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से संबंधित अधिकारियों का है।
नगर पालिक निगम चिरमिरी शहर में पानी की समस्याओं से जनता में कोलाहल मचा हुआ है, जहां स्वास्थ्य लोक यांत्रिकी विभाग के फिल्टर प्लांट से पूरे चिरमिरी शहर में जल शुद्धिकरण प्रक्रिया के बाद जल वितरण किया जाता है, मगर लंबे समय से ही लोगों का आरोप शासन प्रशासन पर है कि लोगों को गंदे पानी का सेवन करना पड़ रहा है, कई क्षेत्रों में मटमैले पानी का सेवन करने के लिए नगरवासियों को बाध्य होना पड़ रहा है, जिस पर शासन प्रशासन अब तक कोई सकारात्मक कदम लेने में असमर्थ ही नज़र आ रही है, इन सभी समस्याओं के संबंध में एक तरफ लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग पर नगर पालिक निगम चिरमिरी द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यक्षेत्र में हो रही विभिन्न समस्याओं को अनियमित लापरवाही के स्वरूप बताया जा रहा है, जहां उनके पास सीमित कर्मचारियों के होने की वजह से भी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को अपने कार्यक्षेत्र में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिस पर लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के संबंधित अधिकारियों का कहना है कि उनके द्वारा समय समय पर हर मुमकिन प्रयास किया जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर नगर पालिक निगम प्रशासन का कहना है कि पानी की समस्याओं को ले कर जो भी कमियां हैं, उसमें लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ही मूल रूप से जिम्मेदार है, जबकि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने इस बात को नकारते हुए अपनी बातें रखीं और कहा कि चिरमिरी शहर में जल वितरण कार्य के लिए एक मात्र लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग गठित नहीं हुई है, इसके लिए नगर पालिक निगम को भी कंधे से कंधा मिलाकर चलने की सम्पूर्ण आवश्यकता है, जिसके बाद समय और माहौल की नज़ाकत को समझते हुए भारतीय जनता पार्टी द्वारा राजनैतिक दांव पेंच भरा कदम उठाया गया, हालांकि ऐसा इसलिए भी किया गया जिससे कि जनता के समस्याओं को सुलझाने के लिए एक दिवसीय धरना प्रदर्शन का आयोजन पी.एच.ई. जल शुद्धिकरण केंद्र के मुख्य द्वार पर ही आयोजित किया गया, जहां कोरिया कॉलरी से आई हुई एक महिला ने भी इस पानी से हो रहे स्वास्थ्य समस्याओं को बताते हुए अपनी आप बीती सुनाई, गंदे पानी की समस्याओं से हो रहे बीमार लोगों ने जब डॉक्टर से इलाज करवाया तब उनके अनुसार डॉक्टर द्वारा भी स्पष्ट किया गया कि गंदे पानी के सेवन से लोगों में टाईफाइड जैसी बिमारियां फैल रही हैं, कई लोगों को तो उल्टी दस्त जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है, जिसके बाद धरने पर बैठे राजनीतिक मंचों से जुड़े लोगों द्वारा शासन प्रशासन से इसके जल्द से जल्द समाधान करने की गुहार भी लगाई गई, जहां लोगों के तकलीफों से रूबरू होने और लोगों के तकलीफों को सुनने के लिए क्षेत्र के तहसीलदार भी मौके पर उपस्थित हुए, उनकी उपस्थिति में लोगों ने इसके निराकरण करने के लिए अनुरोध भी किया।
पी.एच.ई. विभाग और नगर पालिक निगम प्रशासन के बीच फंसे इन दांव पेंचों में कहीं ना कहीं शहर के समस्त नगरवासियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, जिसके बाद देखने वाली बात यह होगी कि कब तक और कैसे लोगों तक साफ एवं स्वच्छ पानी का सप्लाई किया जाएगा, और दोषारोपण के इस सिलसिले को किनारे रखते हुए शासन प्रशासन लोगों के हित के लिए कब उचित कदम लेगी।
पानी की दिक्कतों से आम जनता, पी.एच.ई. एवं न.पा.नि. चिरमिरी के बीच बना मजबूरी भरा अटूट रिश्ता, मटमैले पानी से परेशान हैं सब, मगर समाधान आखिर मिलेगा कब?
