सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र अंबिकापुर
बीजेपी की लुण्ड्रा विधानसभा की संभावित महिला प्रत्याशी फुलेश्वरी सिंह का नाम अब सुर्खियों में हैं ऐसा उनके समाज सेवा के चलते नही अपितु एक ऐसे मामले के चलते जिसे जानने के बाद शायद लोग उन्हे अपना विधानसभा प्रत्याशी चुनते हैं या नहीं यह देखने वाली बात होगी,मिली जानकारी के अनुसार दरिमा ग्राम पंचायत के खसरा नंबर 936/1 की जमीन जो की राजस्व के रिकॉर्ड में सरकारी तथा समुदाय स्वास्थ्य केंद्र की जमीन है पर मैडम का कब्जा है,इसके साथ ही वहां मैडम का घर भी बना हुआ है जिसपर लगभग 7 किराए पर दुकानें संचालित हैं और दुकान संचालक के अनुसार उसका किराया बिजली बिल के सहित 3500 रुपए है,जबकि मैडम साहिबा का कहना है की इस जमीन का पट्टा उनके पास है और यह जमीन उन्हे वृक्षा रोपण और रहने के लिए शासन से मिला है तब फिर इसका व्यवसायिक उपयोग कैसे किया जा सकता है, वो भी एक जिम्मेदार नेता के द्वारा ऐसा किया जाना क्या उचित है। अब जब सीजीएमएससी के इंजीनियरों के द्वारा इस जमीन पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण किया जा रहा है और उसमे एक कॉलम की जगह प्रयाप्त नही क्योंकि कॉलम के जगह पर बीजेपी के महिला नेता फुलेश्वरी सिंह का कब्जा है,इस कब्जे को हटाने के लिए उनसे अब प्रशासन मिन्नतें कर रही है लेकिन मैडम हैं की स्वास्थ्य और जन सरोकार के नाम पर भी अपना 3 मीटर कब्जा छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
क्या यही है बीजेपी का चेहरा जो डाल रही है स्वास्थ्य विभाग के कार्य में अड़चन
मैडम साहिबा फुलेश्वरी सिंह की माने तो लुण्ड्रा विधानसभा से वह बीजेपी की प्रत्याशी हैं और इस बार के चुनाव में वह अपने जीत के झंडे गाड़ने वाली हैं लेकिन क्या एक नेता नही अपितु आम आदमी का यह फर्ज नही है क्या जो महज 3 मीटर की जमीन को स्वास्थ्य विभाग के लिए छोड़ सके ,क्या मैडम साहिबा जो जनता की नही पड़ी है, क्या मैडम का जनता को बेवकूफ बना रही हैं, किया मैडम का जनता के प्रति प्यार एक दिखावा है,यह तो देखने वाली बात होगी की क्या जनता ऐसे उम्मीदवार को जीत का ताज पहनाती है जो सभी के भलाई के लिए बनने वाले स्वास्थ्य विभाग के निर्माण में अपना 3 मीटर नही छोड़ पा रही हैं।
क्या फुलेश्वरी सिंह को आम जनमानस से जादा कीमती है अपना 3 मीटर कब्जे की जमीन..?
जब इस मामले में हमारी टीम ने फुलेश्वरी सिंह से यह जानने कोशिश की क्या उनके द्वारा स्वास्थ्य विभाग को बिना संकोच अपने कब्जे का 3 मीटर दे देंगी या नहीं और उनका घर यदि तोड़ा जाता है तो उनकी क्या प्रतिक्रिया होगी इसपर फुलेश्वरी सिंह ने इस पूरे मामले में कोर्ट तक जाने की बात कही है और साथ ही अपने कब्जे वाले जमीन को किसी भी कीमत में ना छोड़ने की बात भी कही हैं।
क्या लोगों के स्वास्थ्य से जादा कीमती है फुलेश्वरी सिंह का 3 मीटर जमीन…?
इस पूरे मामले में यदि एक कॉलम की 3 मीटर जमीन स्वास्थ्य विभाग को दे दी जाए तो इसमें बुरा क्या होगा,क्योंकि ये स्वास्थ्य विभाग और लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है,ऐसे में एक जनप्रतिनिधि का 3 मीटर के लिए अड़चन करना और बाद में उसी जनता से वोट मांगना क्या सही होगा या फिर क्या ऐसे में जनता उन्हें वोट देगी जो उनके लिए 3 मीटर जमीन तक नही छोड़ सकती हैं..? यह देखने का विषय होगा।