सभी अमृत सरोवर तट पर पीपल, नीम, बरगद पौधरोपण की तैयारी के निर्देश भी जारी
सिंधु स्वाभिमान कोरिया/एमसीबी देवाशीष गांगुली : आजादी के अमृत पर्व के अवसर पर केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित मिशन अमृत सरोवर में कोरिया एवं एमसीबी जिले में लक्ष्य से अधिक प्रदर्शन किया है। दोनों जिले के अंतर्गत कुल 150 अमृत सरोवर बनाकर तैयार किया जाना निर्धारित किया गया था उसके विरूद्ध अब 155 अमृत सरोवरों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। यह जल संचयन के परंपरागत स्रोत अब बारिश के दौरान लाखों लीटर जल संचय करने को तैयार हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डाॅ आशुतोष चतुर्वेदी ने बताया कि कलेक्टर कोरिया श्री विनय कुमार लंगेह और कलेक्टर एमसीबी श्री नरेन्द्र दुग्गा के कुषल मार्गदर्षन में कोरिया एंव एमसीबी जिले के सभी जनपद पंचायतों में निर्धारित समय सीमा के भीतर लक्ष्य से अधिक कार्य पूर्ण करा लिया गया है। डाॅ आषुतोष ने आगे बताया कि आजादी के अमृतकाल के दौरान केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार से महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत तालाबों के नवनिर्माण व पुनरूद्धार कराए जाने के निर्देष व लक्ष्य प्राप्त हुए। लक्ष्य निर्धारण के पूर्ण अमृत सरोवर चयन के मानक निर्देष भी जारी किए गए जिसमें कम से कम एक एकड़ क्षेत्रफल की अनिवार्यता रखी गई थी। इसी आधार पर कुछ पुराने तालाबों के नवीनीकरण के साथ कुछ जगहों पर नए तालाबों की संरचनाओं की प्रशासकीय स्वीकृति जारी की गई। जिला पंचायत सीइओ ने बताया कि इन सभी कार्यों के लिए 30 मई की समय सीमा का निर्धारण करते हुए तेजी से कार्य कराया गया जिसके परिणाम स्वरूप जिला पंचायत कोरिया ने लक्ष्य से अधिक अमृत सरोवरों का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया है।
डॉ आशुतोष ने बताया कि मानक क्षेत्रफल के अनुसार एक अमृत सरोवर की जल भराव क्षमता 10 हजार घन मीटर है। इस मानक के अनुसार महात्मा गांधी नरेगा के तहत बने हुए 155 अमृत सरोवरों में 15 लाख 50 हजार घनमीटर से ज्यादा जल संचय किया जा सकेगा। यह अपने आप में एक बड़ी मात्रा है। जिला पंचायत सीइओ ने बताया कि गत सप्ताह राज्य स्तर से अधिकारियो ने आकर जिले में बने अमृत सरोवरों का निरीक्षण किया और सभी को मानक के अनुरूप पाया है। दोनों जिलों के सभी अमृत सरोवरों में अभी से यूजर ग्रुप और उपयोग करने वाले महिला समूहों का चिन्हांकन कार्य भी कर लिया गया है। ग्रामीण जनों के सामान्य निस्तार, सिंचाई की व्यवस्था के अलावा इन अमृत सरोवरों में मछली पालन का कार्य भी कराया जाएगा। इससे एक ओर स्थानीय सुपोषण को बल मिलेगा वहीं दूसरी ओर महिलाओं के आर्थिक उन्नति की राह भी मजबूत होगी। उन्होने आगे बताया कि इतनी बड़ी मात्रा में जल भराव से आस पास का जलस्तर भी बढ़ेगा और सभी अमृत सरोवरों के तट पर बड़ी मात्रा मे बरगद, पीपल और नीम जैसे महत्वपूर्ण पौधों की प्रजाति का रोपण भी किया जाएगा इसके लिए सभी रोपण एजेंसियो को प्रषासकीय स्वीकृति भी प्रदान की जा रही है।