नगर निगम चिरमिरी के नेता प्रतिपक्ष ने पुलिस प्रशासन को लिखा पत्र, महापौर बंगले से संबंधित मामले पर अब तक क्यों नहीं की गई कोई कार्यवाही?

महापौर बंगला फिर से आया सुर्खियों में, नेता प्रतिपक्ष ने की सख़्त कार्यवाही की मांग, पुलिस प्रशासन को लिखा पत्र, भ्रष्टाचार के इस खेल में सम्मिलित आखिर कौन कौन?

सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र देबाशीष गांगुली (जिला ब्यूरो प्रमुख एमसीबी/कोरिया) चिरमिरी नगर पालिक निगम चिरमिरी शहर में शासकीय संपत्ति महापौर बंगला एक बार फिर सुर्खियों में आ रहा है। जहां बताया जा रहा है कि विगत वर्षों पुर्व कुछ असमाजिक तत्वों द्वारा बिना परमिशन बिना कागज़ी स्वीकृति के एवं इजाज़त के इस शासकीय संपत्ति महापौर बंगले को तोड़ फोड़ कर दिया गया था, क्षतिग्रस्त कर दिया गया था, जिसकी जानकारी नगर पालिक निगम चिरमिरी शहर के भाजपा के वरिष्ठ सदस्य एवं नेता प्रतिपक्ष संतोष कुमार सिंह द्वारा समस्त संबंधित अधिकारियों को एवं नगर पालिक निगम चिरमिरी के आयुक्त को दी गई थी, जिस पर उन्हें कुछ इस तरह का जवाब मिला कि उन्हें इन समस्त गैरकानूनी एवं अवैद्य कार्यों की जानकारी नहीं है, जिसके बाद उन्हें इस पर जांच एवं कार्यवाही करने की बात भी कही गई, मगर संतोष कुमार सिंह द्वारा इस तरह के कारनामे पर प्रश्न किए गए जिसका जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने कागज़ी लड़ाई लड़ने की ठान ली, जिसके बाद इस शासकीय भवन के तोड़ फोड़ करने की बात पूरे शहर भर में आग की तरह फ़ैल गई और शासन प्रशासन द्वारा जवाबदेही होने के बजाय महापौर बंगले के मरम्मती कार्यों के लिए एक नया टेंडर जारी कर दिया गया, निविदा का खेल ऐसा रचाया गया कि बताए जा रहे आंकड़े के मुताबिक करीब 29 लाख का निविदा निकाला गया, जहां जांच एवं कार्यवाही होनी थी वहीं इस पूरे खेल को ही पलटने की तमाम कोशिशें शुरू हो गईं, प्रतीत ऐसा हुआ कि अपने निजी स्वार्थ में लिप्त सत्ताधारियों द्वारा ही ये सारे करम कांड किए गए और भ्रष्टाचार की मलाई का स्वाद लेने की मंशा से ही इस महापौर बंगले के नाम से नया टेंडर भी निकाल दिया गया, जिस पर संतोष कुमार सिंह द्वारा यह कहा गया कि इस समस्त खेल में क्या खुद शासन प्रशासन संलिप्त है क्योंकि जहां शासन प्रशासन के शासकीय संपत्ति को इतने बूरे तरीके से क्षति पहुंचाया गया वहां शासन प्रशासन इस पर आपत्तियां दर्ज ना कराते हुए मामले को ही पलटने में लगी है।

जिसके बाद संतोष कुमार सिंह द्वारा दिनांक 11.02.2022 को नगर पालिक निगम चिरमिरी शहर के आयुक्त के साथ ही साथ समस्त संबंधित अधिकारियों को पत्र लिख कर इस पर कार्यवाही करने की मांग की गई, मगर समस्त पदाधिकारियों की निष्क्रियता एवं असफलताओं को देखते हुए, संतोष कुमार सिंह द्वारा पत्र लिखा कर अब पुलिस प्रशासन के समक्ष इस पूरे मामले को रखते हुए इस सम्पूर्ण मामले पर गंभीरता से चिंतन कर उचित एवं निष्पक्ष जांच एवं कार्यवाही की मांग की जा रही है, जहां उन्होंने साफ साफ स्पष्ट किया है कि महापौर बंगले को क्षतिग्रस्त करने में संलिप्त समस्त लोगों पर आपराधिक मामले दर्ज करते हुए कार्यवाही की जाए, अब देखना यह होगा कि ऐसे आपराधिक कृत्य में शामिल चेहरों के पीछे कहीं शासन पर बैठे खुद सत्ताधारी जन प्रतिनिधि तो नहीं और अगर ऐसा है तब इन पर आगे चल कर किस तरह की सख्त कार्यवाही की जाएगी?

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