हथनी के मौत पर वन विभाग की जारी है कुंभकरणीय नींद, है कोई मिली भगत या कार्यवाही के नाम पर वन विभाग के फूल रहे हांथ पांव।

सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र प्रतापपुर में जनवरी में एक हथनी की मौत करेंट लगने से हुई थी जिसमे मीडिया के दखल के बाद बड़ी मुश्किल से 6 महीनो के बाद से जांच रिपोर्ट आई,लेकिन आजतक वन विभाग के अधिकारी इस पूरे मामले पर अपने नजरिए को साफ नही कर पा रहे हैं क्योंकि जांच रिपोर्ट आए भी लगभग एक महीना हो गया है लेकिन वन विभाग के काबिल अधिकारी इस मामले अपनी चुप्पी बनाए हुए हैं और आजतक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं,क्या इसे वन विभाग की मिली भगत कहा जायेगा या वन विभाग को किसी भी प्रकार की कार्यवाही का डर है जो अबतक अपना मुंह बंद किए हुए हैं।

रेंजर साहब के पास नहीं जांच रिपोर्ट पढ़ने का समय..?

प्रतापपुर रेंजर विनय टंडन के पास जांच रिपोर्ट पढ़ने का भी समय नहीं है और तो और इनके पास इस मामले की जानकारी लेने के लिए जब फोन लगाया जाता है तब उनके पास इतना समय भी नही है की फोन उठा सकें। अगर इतने ही व्यस्त है रेंजर साहब तो क्या इस पूरे मामले में कार्यवाही अबतक कार्यवाही क्यों नहीं की गई। क्या रेंजर साहब को कार्यवाही करने से डर लग रहा है…? क्या रेंजर साहब किसी प्रकार की लेनदेन या कोई मिली भगत तो नही कर चुके हैं..? आखिर ऐसी कौन सी बात है जो हथनी के मामले में कार्यवाही करने में वन विभाग के अधिकारियों के पेट में दर्द हो रहा है..?
मामला जो भी हो पर वन विभाग के अधिकारी इस मामले में पूरी तरह से खुदको बचाते नजर आए हैं,हो सकता वन विभाग के द्वारा कोई बड़ी लेन देन की जा चुकी है या फिर किसी मिली भगत के कारण अबतक कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। अब देखने की बात है की वन विभाग अपनी कुंभकर्ण नींद से जागता है या नहीं और इस पूरे मामले में कोई कार्यवाही होती है या नहीं।

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