सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र देबाशीष गांगुली जिला प्रमुख एम.सी.बी./कोरिया मनेंद्रगढ़ के हर्रा ग्राम पंचायत के अंतर्गत बनाए गए नहर निर्माण कार्य की दयनीय स्थिति वर्तमान में भगवान भरोसे हो चुकी है, ग्रामीणों को हो रही समस्याओं का विवरण लेने जब वहां के लोगों द्वारा उनकी आपबीती को सुना गया, तब ग्रामीणों ने खेती किसानी करने में खुद को असहाय बताया और उनकी सूद लेने वाला ना कोई जन प्रतिनिधि सामने आया ना ही जल संसाधन विभाग के पदाधिकारी, बात करें सांवला जलाशय की, या फिर ग्राम पंचायत सीरियाखोह के जलाशय की या फिर कुछ दिनों पुर्व हुए जनकपुर भरतपुर में स्टॉप डेम के टूट जाने से संबंधित हादसे की, जिसके बाद भी जल संसाधन विभाग का रवैया जैसे का तैसा ही नज़र आ रहा है, या तो यूं माने की विभाग से जुड़े पदाधिकारी की मनोदशा कुछ ऐसी हो चली है कि आमजनमानस के तकलीफों से जल संसाधन विभाग को कोई मतलब ही नहीं, इन समस्त मामलों को लेकर जब जल संसाधन विभाग के उच्च अधिकारियों से संपर्क साधने का प्रयास किया जाता है, तब जिस तरह जल संसाधन विभाग द्वारा आम जनमानस एवं सरकार को भ्रमित किया जाता रहा है, उसी तरह पत्रकारों के सवालों से मुंह छुपाते हुए इन्हें भी भ्रमित कर दिया जाता है, अगर इन पर उठ रहे सवालों में सत्यता नहीं फिर क्यों ऐसे पदाधिकारी सबके समक्ष अपनी कर्मठता का प्रमाण देने से कतराते नज़र आते हैं?
यहां निवासरत ग्रामीणों की माने तो यह नहर का कार्य विगत कई सालों से चल रहा है जो कि आज लगभग 40 वर्ष बीत जाने के बावजूद इस नहर में उन्होंने आज तक पानी की एक बूंद भी नहीं देखी विडंबना यहां पर यह है कि क्षेत्र के विधायक भी यहां पर आकर इस नहर को देख चुके हैं जो कि जल संसाधन के द्वारा कराए जा रहे हैं इस कार्य का लाभ अभी तक क्षेत्रवासियों को नहीं मिला है यहां की खेती शिव वर्षा के भरोसे ही है अब देखना यह होगा कि कब तक इस नहर में पानी आ पाएगी जिससे अन्नदाता कहे जाने वाले किसानों को लाभ मिल सकेगा, साथ ही साथ इन मासूम जनता के हित में कब जल संसाधन विभाग द्वारा उचित कार्य किए जाएंगे और अगर जल संसाधन विभाग की कार्यशैली नहीं बदली तब भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों पर शासन प्रशासन द्वारा किस तरह की सख्त कार्यवाही की जाएगी।
लाखों की लागत से निर्माण सूखे नाले में तब्दील नहर, जल संसाधन विभाग की असफलताओं की एक और नई कहानी, जन प्रतिनिधि अधिकारी सारे मौन, इन सबका ज़िम्मेदार कौन?
