सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र विशेष संवाददाता सूरजपुर भूमाफियाओ ने राजस्व अधिकारी से साठगांठ कर गरीब बेबस की भूमि को फर्जी दस्तावेज तैयार कर बेच दिया है और भू स्वामी को पता तक नहीं लगा. जब भूमि का सीमांकन करने पंहुचा तो पता चला उसकी भूमि को बेच दिया गया है जिसमे भूमाफिया के साथ एक जनप्रतिनिधि भी सम्मलित है. जिसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक तहसीलदार सहित कोतवाली थाने कर न्याय की गुहार लगाई है. शहर के मानपुर के निवासी अनवर हुसैन आ० स्व० अब्दुल मजीद ने जिम्मेदार अधिकारियों को दिए शिकायत पत्र में बताया कि मानपुर पह० नं० 13 रा०नि०मं० खसरा नम्बर:- 116/4 रकबा 0.162हे0 की भूमि स्वामित्व हक की भूमि स्थित है उसे सैयद वसीम अख्तर आ० वकील अहमद और उसके भाई सैयद नदीम अहमद आ० वकील अहमद जाति मुसलमान निवासी मानपुर ने उक्त भूमि को उसके बिना जानकारी के प्रवेश गोयल आ० मनीराम गोयल सूरजपुर को दो लाख छियालीस हजार (246000.00) रूपये में बेच दिया है. अनवर हुसैन ने शिकायत में बताया कि उसे अपने पुत्री के विवाह और पत्नि के ईलाज हेतु रकम की आवश्यक्ता है इसलिये उस भूमि को विक्रय करने के खरीददार की तलाश





कर रहा था। इसी दौरान सैयद वसीम का छोटा भाई सैयद नदीम अनवर उसके घर आया। और उपरोक्त भूमि को बीस लाख रूपए में खरीदने की इच्छा जाहिर किया। सौदा कर लिया और बोला कि रजिस्ट्री कराने हेतु पटवारी के चौहद्दी और तहसीलदार के प्रतिहस्ताक्षर की आवश्यक्ता होती है इसमें कम से कम 01 माह का समय लगता है बताकर भूमि विक्रय करने का पंजीकृत इकरार नामा निष्पादित कराने को कहा, जब विक्रय से संबंधित दस्तावेज तैयार हो जाएगा तब सम्पूर्ण रकम अदा कर रजिस्ट्री करा लूंगा। उसकी बातो पर भरोसा कर दिनांक 10/07/2016 को दोनों भाई उसे अपने मोटर सायकल पर उप पंजीयक कार्यालय यह कह कर ले गया कि ईकरार पत्र निष्पादित कराना है। और मुझे बयाना के नाम पर मु0-65000.00 रू० (पैंसठ हजार रूपए) नगद दिया और कहा शेष रकम रजिस्ट्री के समय अदा करूंगा। दोनों ने उसे धोखा देते हुए पंजीकृत मुख्तयार नामा आम (जनरल पावर आफ अर्टनी) में हस्ताक्षर करा लिया और बताया की यह इकरार नामा है जो 03 वर्ष का है। वह कई दिनों तक इंतजार करते रहा कि मुझे रकम दे कर मेरे भूमि का रजिस्ट्री पंजीयन अपने नाम से कराएगा और मेरे कहने पर टाल-मटोल करता रहा कि कुछ दिनों में रजिस्ट्री पंजीयन करा लूंगा। हाल फ़िलहाल में जब अपने भूमि का सीमांकन हेतु आवेदन किया और जब मौके पर राजस्व निरिक्षक और पटवारी आए तो मुझे बताए कि तुम्हारी भूमि विक्रय हो चुकी है तो उसके पांव के नीचे से जमींन गायब हो गई। पीड़ित ने बताया की वह अनपढ़ है और सभी बातों का ज्ञान वर्तमान हल्का पटवारी सदन यादव को था पर हल्का पटवारी मुझे बिना बताए मेरे उपरोक्त भूमि का प्रतिवेदन तैयार कर दिया, जिससे मेरी उपरोक्त भूमि मुझसे ठगी कर ली गई। और ये दोनों भाई मौके की तलाश में है इसलिये अभी तक उक्त भूमि को फर्जी तरिके से 09 जनवरी 2018 को विक्रय करने के बाद भी नामांतरण नहीं कराया है। पीड़ित ने बताया कि वह उपरोक्त भूमि पर वर्तमान में भी काबिज हूं तथा खेती बाड़ी करता हूं। ये दोनों भाई अवैध तरिके से मेरी भूमि पर कब्जा करना चाहता है। वह अनपढ़ और वृद्ध व्यक्ति है और कृषि कार्य के अलावे कोई जीविका का साधन नहीं है इस धोखा-धड़ी और ठगी न तो पत्नि का भी ईलाज कर पाया न ही बेटी का विवाह हो पाया है। इस धोखा धड़ी और फर्जीवाड़ा ने उसे तोड़ कर रख दिया। पीड़ित ने धोखाधड़ी ठगी की गई भूमि का रजिस्ट्री की नकल निकलकर इस पुरे मामले की जांच करते अपराध दर्ज करते हुए उसके हक़ स्वामित्व की भूमि उपरोक्त खसरा नम्बर का भूमि का नामांतरण न करने की गुहार लगे है।
कब होगी कार्यवाही यह भी..?
जमीन के खेल में भूमाफिया बेबस गरीब लाचार लोगो को खुले आम लूट कर रहे है तो वही कुछ खाखीधारी भी इस धंधे में शरीक है बेबस गरीब लोगों के हक की भूमि पर डाका डालेने में पीछे नही है। तो वही ऐसे भी जनप्रतिनिधि है जो पार्टी से जुड़े है जो माफियाओं के साथ मिलकर फर्जीदस्तावेज तैयार कर कौड़ियों के मोल जमीन की खरीद फ़िरोस्त करने में लगे हुए है।