सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र देबाशीष गांगुली जिला ब्यूरो प्रमुख एमसीबी/कोरिया पोंड़ी अवैद्य कारोबारों के संबंध में जहां सरगुजा संभाग के पुलिस महानिरीक्षक राम गोपाल गर्ग द्वारा समस्त जिलों के पुलिस विभाग को अवैद्य कारोबारों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से कड़े निर्देश दिए जा रहे हैं, ऐसे कई थाने हैं जिसमें एक विशेष थाना पोंड़ी भी आता है, यहां महानिरीक्षक सरगुजा के आदेश के उपर भी किसी और का आदेश देखा जा सकता है नहीं तो थाना क्षेत्र के अंतर्गत अवैद्य कार्यों पर पोंड़ी थाना, अंकुश लगा पाने में असफल नज़र नहीं आता।
जिसके प्रमाणस्वरूप जिला मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के एक लौते नगर पालिक निगम चिरमिरी शहर के थाना पोंड़ी अंतर्गत कई क्षेत्रों में सुबह हो या रात माफियाओं में पुलिस का भय नहीं देखने को मिलता, बात हो जुआ की नशीली इंजेक्शन दवाओं की कच्ची शराब की या कोएले का उत्खनन कर अवैद्य रूप से परिवहन करने की या अन्य अवैद्य कारोबारों की, तो सुत्रों द्वारा एक नहीं कई बार ये जानकारी मिलती है कि इन अवैद्य कारोबारियों द्वारा बड़े ही इत्मीनान से अपने काले कारनामों को अंजाम दिया जाता है मगर इन पर ना कोई सवाल खड़े होता है ना ही कार्यवाही होती है। सवालों के घेरों में शासन-प्रशासन को लिया जाता है और जब इन अवैद्य कारोबारियों की पेंच उन तक जा फंसती है, तब इन अवैद्य कारोबारियों की दिलेरी कुछ इस तरह देखने को मिलती है कि निष्पक्ष रूप से कार्यरत पत्रकारों पर ही ये हमला बोल देते हैं, कार्यवाही के नाम पर मात्र खानापूर्ति की जाती है और एक पत्रकार पर हुए हमले में संलिप्त लोगों को खुलेआम घुमते देखा जाता है, पुलिस प्रशासन इन मामलों पर देरी क्यों कर रही है ये बात फिलहाल समझ के परे है? इससे साफ अंदाज़ा लगाया जा सकता है काली गाढ़ी मलाईदार बर्तन में किस किस के हाथ रंगे हुए हैं, यह किसी से छुपा नहीं।
अगर बात करें क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों की तो ऐसा नहीं कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है, उसके बावजूद वह मौन बैठे हैं, जिससे समझा जा सकता है कि इसमें किस किस की भागीदारी हो सकती है, इससे एक कहावत याद चिर्तार्थ ‘लूट सको तो लूट लो, यह जो कहावत है यहां पर सटीक बैठती है।
जब इस विषय पर थाना प्रभारी से जानने की कोशिश की जाती है तब थाना प्रभारी का रटा रटाया एक स्क्रिप्ट है, ‘कि अवैद्य उत्खनन पर रोक लगाने के लिए हमने रास्तों पर गड्ढे खुदवा दिए हैं जिससे वाहन उस जगह प्रवेश नहीं करेगी और अवैद्य उत्खनन नहीं की जा सकेगी’, जब भी उनसे अवैद्य कारोबारों के विषय में पुछा जाता है तब प्रभारी महोदय एक ही स्क्रिप्ट को बार बार पढ़ कर दोहराते हैं, ऐसा लगता है कि यह स्क्रिप्ट कहीं बड़े जन प्रतिनिधि व अधिकारियों द्वारा रचित है, क्योंकि वर्तमान में जैसा थाना प्रभारी द्वारा बताया जाता है, उसके विपरीत धरातल पर कुछ और ही नज़र आता है।
सारी बात यो यहां तक पुर्ण हो जाती है, इस क्षेत्र के अवैद्य कारोबार करने वाले माफियाओं के हौंसले इतने बुलंद हैं कि वह किसी भी शासन व प्रशासन के बड़े बड़े नियम और कानून को ठेंगा दिखाते हुए नज़र आते हैं, इस बात पर गौर इसलिए किया जा सकता है कि इस जिले के खनिज अधिकारी तक को इस बात की जानकारी है उसके बावजूद जब कोई कार्यवाही नहीं होती है उससे अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि इन माफियाओं की पहुंच या कहें तो खौंफ किस कदर हावी है।