हमारी भी मूलभूत समस्या का समाधान करे…
सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र सूरजपुर चुनावी दौर चालू होते ही राज्य में विभिन्न विभागों में कार्यरत कर्मचारियों के द्वारा अपनी मांगो की पूर्ति के लिए लिए मुख्यमंत्री के पास फरियाद लगा रहे हैं। इसी क्रम में प्रदेश में विभिन्न विभागों में नियमित पदों पर कार्य कर रहे हिंदी ऑपरेटर के द्वारा अपनी मांगों पर कार्यवाही किए जाने को लेकर जिले स्तर से मुख्यमंत्री के नाम से पत्राचार किया जा रहा है।गौरतलब है कि पहले भी कई कर्मचारी संगठनों एवम नियमित डाटा एंट्री ऑपरेटर द्वारा पत्राचार किया गया है। कोई सुनवाई नहीं होने के कारण चुनावी माहौल को देखते हुए फिर से अंतिम अथक प्रयास में सभी कर्मचारी वर्ग लग गए हैं।







ज्ञात है कि डाटा एंट्री ऑपरेटर कोई बहुत पुराना पद नहीं है कंप्यूटर एवम ऑनलाइन कार्यों की शासकीय विभागों में उपयोगिता को देखते हुए शासन ने इन पदों को विगत कई वर्षों से बड़े रूप में नियमित रूप से भरना प्रारंभ किया है। डाटा एंट्री ऑपरेटर के पद को कई विभागों में लिपिकीय वर्ग में और कई विभागों में तकनीकी वर्ग में रखा गया है, यहां ध्यान देने बात यह भी है कि अलग-अलग विभागों में इन पदों के लिए अलग-अलग प्रमोशन चैनल निर्धारित है, साथ ही डाटा एंट्री ऑपरेटर के क्या कार्य करेंगे यह भी ना तो ऑफिस मैनुअल और ना ही किसी शासनादेश अथवा निर्देश में निर्धारित किया गया है, जिससे यह अपने कार्यों की प्रकृति को लेकर भी असमंजस में रहते हैं। बड़ी विडंबना यह है कि कई विभागों में तो डाटा एंट्री ऑपरेटर के लिए प्रमोशन का कोई विकल्प ही नहीं है अर्थात नौकरी लगने से लेकर रिटायर होने तक वह डाटा एंट्री ऑपरेटर की रहेंगे लेकिन कई विभागों में डाटा ऑपरेटर को सहायक प्रोग्रामर बनाया जाता है। शासकीय सेवा में सभी कर्मचारियों को पदोन्नति के समान अवसर और समान कार्य- समान वेतन का देने का नियम है। इन सब कारणों को लेकर नियमित डाटा एंट्री ऑपरेटर वर्ग में काफी असंतोष है। जिसके लिए अबकी बार भूपेश बघेल सरकार से यह निमित्त डाटा एंट्री ऑपरेटर बड़ी आस लगाकर शायद अंतिम बार पत्राचार कर रहे हैं कि शायद चुनावी माहौल में आधारभूत समस्या पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ध्यान जाए और उनके इस मूलभूत समस्या का समाधान हो सके।