सड़क मद की भुमी पर दबंगो ने किया कब्जा अतिक्रमण हटाने हुआ आदेश तो,क्षेत्रीय विधायक क्यो कर रहे हस्तक्षेप..? बना चर्चा का विषय
रसूखदार व सड़क भूमि पर कब्जा करने वाले के पैरवी करने आ गए है क्षेत्रीय विधायक – पारस नाथ राजवाड़े..?
सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र सूरजपुर विशेष संवाददाता आमतौर पर ग्रामीण जनता जन प्रतिनिधियों का चुनाव करती है वोट देती है, और उन्हें विजेता बनाकर अपने दुख दर्द में सहायता करने की उम्मीद रखती,है और जब वही जन प्रतिनिधि आम जनता के खिलाफ हो जाए और रसूखदारों का समर्थन करने लगे तो क्या समझा जाए कहीं यह तो नहीं की जनता ने उसे उस लायक बनाकर गलत कर दिया..? जहां वही जनप्रतिनिधि आम जनता का सहयोग करने के बजाय रसूखदारो का समर्थन करने के लिए मैदान पर उतर आए जहां एक व्यक्ति के निस्तार के लिए सड़क मत की भूमि पर रसूखदार कब्जा करके बैठ जाए और उस रसुखदारों की पैरवी क्षेत्रीय विधायक करते नजर आए जहां विधायक को उस पीड़ित की बिल्कुल परवाह नहीं जो निस्तार के लिए तहसील व एसडीएम का लगातार चक्कर लगा रहा है। चक्कर पर चक्कर जिस सड़क मत की भूमि पर कब्जा करने वाले के लिए विधायक की पैरवी ने क्षेत्र में एक चर्चा का विषय उत्पन्न कर दिया है, कि क्या आम जनता जिसे वोट देती है जिसे चुनाव जिताती है क्या उसे असहय व गरीबों के लिए मददगार बनकर खड़ा रहना उचित नहीं जो रसूखदार के लिए पैरवी करने के लिए सामने आना पड़ रहा है। आखिर क्षेत्र के गरीब आम जनता अपने विधायक से आशा करते हैं साथ ही अब सोचना पड़ेगा की मासूम जनता को न्याय कहां मिलेगी जहां लगातार तहसील और एसडीएम के चक्कर लगाने के बाद जब खबरों के माध्यम से बड़े तबके के अधिकारियों तक पहुंचती है जानकारी और जिला कलेक्टर न्याय दिलाने के लिए पहल करते हैं और उस पहल के विरुद्ध जब क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि ही रोड़ा बनते दिखाई दे रहे हों।मिली जानकारी के अनुसार भटगांव विधायक तहसीलदार के कार्य में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं जहां एक ओर भैयाथान हर्रापारा निवासी बिजेंद्र कुशवाहा न्याय की लगातार गुहार लगा रहा है और लगातार तहसील और एसडीएम कार्यालय का चक्कर काट रहा है क्योंकि उसके घर के सामने सड़क मत की भूमि पर एक व्यक्ति ने कब्जा कर लिया है जिसके वजह से उसके लिए निस्तार की समस्या खड़ी हो गई जिसे लेकर वह लंबे समय से लड़ाई लड़ रहा है और तहसील एसडीएम के चक्कर भी लग रहा है। पहले तो कब्जा करने वाले रसूखदार ने एसडीएम व तहसीलदार से मिलकर उसे कई सालों तक घुमाया। अब जब फैसला उसके फेवर में आने वाला ही था तब एक और बड़ी समस्या उस समय उत्पन्न हो जाता है जहा क्षेत्रीय विधायक द्वारा तहसीलदार को फोन लगाकर मामले को प्रभावित करने का प्रयास कर किया जा रहा है। वही विधायक के हस्तक्षेप करने के बात सामने आते ही आम जनता के बीच विधायक की किरकिरी होते हुए एक बड़ी चर्चा का विषय बना हुआ हैं। जहा आम जनता को विधायक की आलोचना करते देखा जा सकता है।
वही यह बात खुलकर सामने आ रही है और तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या विधायक आम लोगों, गरीबों, पीड़ितो के लिए नहीं होते जो सिर्फ पैसे वालों अमीरों और रसूखदारों के लिए खड़े रहते है।जहां विधायक को इस मामले में पीड़ित और गरीब परिवार की मदद के लिए आगे आनी चाहिए थी उसकी सहायता करनी चाहिए थी लेकिन विधायक के द्वारा सड़क मत की भूमि पर कब्जा करने वाले के समर्थन में खड़ा होते देख सवाल उठाना एक लाजमी है और चिंता का विषय बना हुआ है की क्या उस पीड़ित परिवार को, उस गरीब परिवार को, उस असहाय परिवार को, क्या वर्तमान परिस्थितियों में न्याय मिल पाएगी, क्या वह न्याय उसे किस दरबार में मिलेगी यह तो एक आने वाला समय ही बताएगा।