कबाड़ गिरोह सक्रिय क्या पुलिस बनी मूकदर्शक..?
कबाड़ गिरोह एसईसीएल मे मचा रहे उत्पात पर पुलिस नहीं कर पा रही कार्यवाही..?
सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र विशेष संवाददाता सूरजपुर जिले के बिश्रामपुर एसईसीएल क्षेत्र में इस समय कबाड़ गिरोह सक्रिय है वैसे तो लंबे समय से कबाड़ियों का यहां दबदबा है और कबाडी पूरे हिम्मत के साथ बिना किसी डर के कबाड़ का अवैध कारोबार करते हैं
एसईसीएल के लोहे से लेकर क्षेत्र में कई तरह के काबड़ों की चोरी में कबाडी संलिप्त हैं बड़े मात्रा में कबाड़ का अवैध कारोबार चल रहा है, अवैध कबाड़ के कारोबार से एसईसीएल को भी भारी भरकम नुकसान पहुंच रहा है एसईसीएल क्षेत्र में पड़े पुराने वाहनों से लेकर तमाम तरह के लोहा पड़ा रहता है जिसे रातों-रात कबाडी अपनी जेब गर्म कर रहे हैं और पुलिस को भी चढ़ावा चढा रहे हैं कई बार शिकायत भी होती है पर शिकायत सिर्फ शिकायत तक ही रह जाती है कार्रवाई बिल्कुल नहीं हो पाती जिस वजह से अब एसईसीएल भी इन्हें शिकायत देने से परहेज करने लगा है क्योंकि शिकायत सिर्फ खानापूर्ति तक ही रह जाती है जबकि एसईसीएल क्षेत्र में पुलिस गस्त के लिए इन्हें वाहन से लेकर डीजल तक उपलब्ध कराता है पर उन्हीं के वाहन व डीजल से पुलिस घूमती है पर उनके के लिए काम नहीं करती उन्हीं के क्षेत्र में कबाड़ी पूरी तरीके से सक्रिय हैं और एसईसीएल को नुकसान पहुंचाने से बाज भी नहीं आते।मिली जानकारी के अनुसार विश्रामपुर थाना क्षेत्र में इन दिनों कबाड़ तस्कर कबाड़ का अवैध कारोबार पुलिस के ही सेटिंग से कर रहे हैं ऐसे सूत्रों का कहना है क्योंकि यदि पुलिस की सेटिंग से यह काम नहीं होता तो आज कबाड़ियों की ईतनी हिम्मत नहीं होती कि वह इस अवैध कारोबार को धडल्ले से कर सकें, जबकि नवपदस्थ थाना प्रभारी कमान संभालते ही बोले थे अवैध कारोबार पर लगेगी अंकुश पत्रकार जब थाना प्रभारी से पूछे तो बोलते हैं आपके माध्यम से मिली है जानकारी पर आश्चर्य की बात तो यह है कि इतने बड़े पैमाने पर कबाड़ का अवैध कारोबार हो रहा है पर पुलिस के मुखबिर क्या सो रहे हैं या फिर वाकई में ही साथ गाठ से काम चल रहा है जब इस संबंध में थाना प्रभारी से बात हुई तो पत्रकारों को ही अपना मुखबिर बनाना चाहती है और पत्रकारों से ही यह पूछते है जब वहां गाड़ी लगे तो हमें खबर कीजिएगा तो हम कार्रवाई करेंगे.. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जब वहां गाड़ी लगती है तो पुलिस को मालूम रहती है।
जब पत्रकार बताते हैं तो पत्रकारों को अवैध कारोबारी के सामने जानकारी देने की बात कह कहती है पुलिस। ऐसे केवल एक प्रश्न उठता है जो की विशेष संवाददाता से थोड़ी अलग है की या थाना प्रभारी अलरिक लकड़ा या तो कबाड़ियों के साथ सांठ गांठ कर इस गोरख धंधे में अपना मुंह काला करा चुका है या फिर अपनी अयोग्यता के कारण कबाड़ियों तक पहुंचने में असमर्थ है। खैर बात जो भी हो पर कबाड़ी धडल्ले से अपना कारोबार कर रहे हैं।