महिला कर्मचारी ने अपने वरिष्ठ अधिकारी पर छेड़छाड़ का आरोप लगा कर ऑफिस के केबिन में की पिटाई,वीडियो वायरल जाने क्या है पूरा मामला

सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र सुकमा ज्ञानवती भदौरिया जिला संवाददाता मिली जानकारी के अनुसार एक महिला कर्मचारी ने अपने वरिष्ठ अधिकारी की उसके केबिन में अपने पति के साथ मिलकर उसकी पिटाई कर दी जिसका वीडियो भी वायरल होने लगा है। महिला ने आरोप लगाया है की उसके वरिष्ठ अधिकारी ने उसको गलत तरीके से स्पर्श किया तथा उसके साथ गलत हरकत किया है लेकिन इस पर वरिष्ठ पत्रकार एवम मानवाधिकार कार्यकर्ता ज्ञानवती भदौरिया ने बताया की इस मामले को काफी अलग ढंग से प्रस्तुत किया जा रहा है और इस पूरे मामले पर कलेक्टर सुकमा को एक लिखित आवेदन भी प्रस्तुत किया लेकिन लेकेक्टर सुकमा ने वीडियो की बात को अनसुना करते हुए ऑडियो रिकॉर्डिंग होने की बात कही है लेकिन इस पूरे मामले का स्पष्ट वीडियो पहले ही वायरल हो चुका है जिसे आप हमारे यूट्यूब और फेसबुक पर भी देख सकते हैं।

ऐसे में सवाल उठता है की क्या सच में एक अधिकारी ने महिला के साथ यौनाचार करने का प्रयास किया था यदि हां तो वीडियो को प्रशासन के सामने क्यों नही लाया गया

और उसे ऑडियो रिकॉर्डिंग के रूप में क्यों बताया जा रहा है,और यदि इस प्रकार की घटना हुई भी थी तो क्या महिला को इसकी शिकायत थाने में करनी चाहिए थी ना की अपने वरिष्ठ अधिकारी को उसके केबिन में जाकर पिटना चाहिए था,क्या यह गलत नहीं है की किसी भी घटना को अपने दम पर सुलझा लेना,क्या महिला जो अपने वरिष्ठ अधिकारी जिसपर गलत अंदाज से छूने का आरोप लगा रही है उसके कोई प्रमाण या साक्ष्य है..? क्या एक महिला का आरोप लगा देना ही उसकी प्रमाणिकता होती है..? जबकि एक दूसरी महिला स्वयं इस पूरे मामले पर कलेक्टर को न्याय संगत कार्यवाही करने का आवेदन दे रही है और एकतरफा कार्यवाही के विरुद्ध आवाज उठा रही है। आखिर पूरे मामले में दोष सिद्ध होने से पहले और महिला के मारपीट का वीडियो वायरल होने के बाबजूद भी महिला पर कोई कार्यवाही क्यों नहीं,क्या महिला का ऑफिस में घुस कर मारपीट करना सही था…? क्या महिला को इस घटना के लिए कोई दंड नहीं मिलना चाहिए था..?

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