सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र सूरजपुर जिले के पूर्व सीएमएचओ रन साय सिंह जो की पूर्व विधायक खेल साय सिंह के दामाद हैं उनके ऊपर शासकीय राशि को घोटाला कर उसी नाम से मिलते जुलते दूसरे कंपनी को पैसे देने का आरोप लगा है और उनके साथ साथ उनके 4 सहयोगियों पर भी अपराध दर्ज किया गया है। मामला ऑक्सीजन प्लांट के स्थापना से संबंधित है।आरोप है कि आरोपियों द्वारा मिलीभगत कर लाखों का किया गया गबन किया गया है।
आरोपियों द्वारा जिला चिकित्सालय सूरजपुर में केन्द्रीय कृत ऑक्सीजन प्लॉट की स्थापना का काम करने वाले वास्तविक निविदा फर्म जयंत चौधरी यूनिक इंडिया कम्पनी, ग्राउंड प्लोर शाप नम्बर जी 13 प्रज्ञा काम्पलेक्स पण्डरी रायपुर जीएसटी नम्बर 22AGNPC9076B1ZM के जगह पर इसी नाम से मिलते जुलते आशीष कुमार बोस के फर्म यूनिक इंडिया कम्पनी, दन्तेवाडा छ.ग. जीएसटी नम्बर 22ALNPB1746L2Z5 के एक्सिस बैंक के खाता क्रमांक 92102********** में दिनांक 05.01.2022 राशि 50,00,000 रूपये एव दिनांक 31.01.2022 राशि रूपये 31,85,881 रू कुल रूपया 81.85,881 रू का भुगतान किया था।
इससे पूर्व भी रन साय सिंह के विरुद्ध कई मामले सामने आते रहे हैं जिनमें रन साय को कहीं ना कहीं बचाने का काम उनके पारिवारिक बैकग्राउंड से हो रहा था,ऐसा ही एक मामला जिसमें 20 वाहन चालकों की भर्ती गुपचुप तरीके से कर दी गई थी लेकिन मामले को एक तेज तर्रार महिला संपादक के द्वारा संज्ञान में लेने के बाद इस पूरे मामले को लीपापोती कर विभाग के द्वारा निरस्त कर पुनः नियम अनुसार नियुक्ति की बात तात्कालिक कलेक्टर और सीएमएचओ ने कही थी,मामले में सूरजपुर स्वास्थ्य विभाग से सेवा निवृत सूत्रों का कहना था कि उस मामले में साहब ने 1.5 लाख रुपए एक व्यक्ति से लिए गए थे और उनके शासकीय होने का भरोसा भी दिलाया गया था,खैर वास्तविकता तो लेन देन करने वाले ही जाने लेकिन जब इस मामले पर तात्कालिक कलेक्टर ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया था,बावजूद इसके उन पर कोई भी कार्यवाही नहीं की गई थी।लोगों का तो यह भी कहना हैं कि रन साय सिंह से भी सीनियर होने के बाद भी दूसरे डॉक्टर को सीएमएचओ ना बनकर रन साय सिंह को केवल इस लिए सीएमएचओ बनाया गया था कि वो विधायक के दामाद थे और उनके ससुर जी का तात्कालिक स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह देव से काफी अच्छी पहचान थीं,खैर ये सारी बातें तो जांच में ही स्पष्ट हो सकती हैं कि वास्तविकता क्या रही। लेकिन अब शासन सत्ता जाते ही उनके कारनामे जो पहले उजागर होने पर दबा दिए जाते थे अब खुलने लगे हैं,साथ ही उकने विरुद्ध अपराध दर्ज कर दिया गया है।इस पूरे मामले पर आगे कोई कार्यवाही हो पाती है या फिर रसूखदारी में इसे दबा दिया जाएगा ये तो आने वाला समय ही बताएगा।