सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र सूरजपुर जिले के भैयाथान के ग्राम कोइलारी आजकल जमीन विवाद के लिए जिले भर में चर्चे का विषय बना हुआ है,किसी एक व्यक्ति या एक जमीन की बात नहीं लगभग अधिकतर ब्राह्मणों के जमीन में विवाद धीरे – धीरे खुलकर सामने आ रहे हैं।ऐसा ही एक मामला प्रभात दुबे के द्वारा जनदर्शन में आवेदन देकर प्रभात दुबे ने न्याय की गुहार लगाई है,जिसमें आवेदक के खाते की जमीन उसके बड़े पिता(ताऊ) के नाम पर चली गई है।जब इस संबंध में विशेष सूत्रों के द्वारा जानकारी लगी तो पता चला कि मधुसुदन दुबे की बहु जो कि बीजेपी के भैयाथान मंडल की महामंत्री हैं उनके द्वारा अपने लालच के कारण अपने ससुर के नाम जमीन जो कि प्रभात दुबे और उनके भाइयों के हिस्से की थी उसे करा लिया। यह एक गंभीर विषय है क्योंकि एक व्यक्ति जो अपने पिता के जमीन और हिस्से का वारिस है उसे एक षडयंत्र के तहत बेदखल करने का प्रयास किया जा रहा है। पीड़ित ने कलेक्टर से गुहार लगाते हुए न्याय की मांग की है और साथ ही हमें जानकारी मिली कि पीड़ित जल्द से जल्द इस मामले पर पुलिस से शिकायत कर भी न्याय की मांग करने वाला है आखिर ऐसे में सवाल उठता है की यदि आप किसी राजनीतिक पार्टी में है तो क्या आप किसी का हक अधिकार छीन सकते हैं यह पार्टी की छवि और व्यक्तिगत छवि को खराब करने के जैसा है हालांकि अब तक इस मामले पर हमारी जानकारी के अनुसार कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है और पीड़ित अभी भी आस लगाए बैठा है कि उसे उसके पैतृक जमीन से बेदखल ना किया जाए और वह जमीन जो पीड़ित के पिता की एक संपत्ति है उसे और उसके भाइयों को वापस मिले। चुकी जिस मामले पर सत्या दुबे जो कि भारतीय जनता पार्टी में भैयाथान मंडल महामंत्री के पद पर हैं उनका नाम आ रहा है तो ऐसे में सवाल उठता है की वह अपने पद का दुरुपयोग करते हुए कहीं इस मामले पर अधिकारियों को कार्रवाई करने से रोके ना और उन पर किसी प्रकार का दबाव न बनाएं। यदि मंडल महामंत्री महोदय के द्वारा अधिकारियों पर किसी प्रकार का दबाव बनाया जाता है तो पीड़ित के लिए यह बहुत ही कष्टकारी होगा क्योंकि पीड़ित के पिता अब इस दुनिया में नहीं है और ऐसी स्थिति में अगर उसकी जमीन भी उसके हाथ से चली जाती है तो पीड़ित के पास रहने तक का जगह नहीं होगा। अब देखने वाली बात होगी कि क्या अधिकारी सत्या दुबे के दबाव में आते हैं या निष्पक्ष होकर बिना किसी दबाव के पीड़ित को न्याय दिलाते हैं।
क्या मंडल महामंत्री सत्या दुबे के कारनामों और लालच का दंश झेल रहा है आवेदक,प्रभात दुबे को कब मिलेगा उनके अधिकार की पैतृक जमीन
