खबर छपते ही नईम अंसारी को आने लगे लगातार फोन
सब अधिकारी बयान सुनते ही हो गए नाराज,बोले तुमने ऐसा क्यों बोला
नईम अंसारी को सभी लगे डांटने,बेचारे नईम अंसारी को सबने जमकर सुनाया,सबने निकली भड़ास
सबके फोन से परेशान होकर नईम अंसारी को बंद करना पड़ा था अपना फोन
नईम अंसारी ने कहा कुछ गलत नहीं बोला हूं जो भी बोला हूं सही बोल हूं,कोई कुछ कर ले झूठ का साथ नहीं दूंगा
नवीन जायसवाल,अमित खैरवार सभी ने बारी बारी से फोन कर बेचारे नईम अंसारी को खूब सुनाया
नईम अंसारी ने बताया बड़े अधिकारियों के दबाव में होते हैं गलत काम, किसी को शौक नहीं है फसने का
नईम अंसारी ने कहा जादा परेशान करेंगे तो नौकरी छोड़ बन जाऊंगा आपके समाचारपत्र का पत्रकार,और करूंगा इन सबके भ्रष्टाचार को उजागर
विशेष सूत्र ने किया चौंकाने वाला खुलासा
सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र सिरसी भैयाथान सूरजपुर जिला आए दिन किसी न किसी कारण से सुर्खियों में बना हुआ रहता है लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि यह सुर्खियां अच्छे काम के लिए नहीं होती है बल्कि भ्रष्टाचार कमीशन खोरी और चोरी चकारी जैसे चीजों के लिए अधिक हो रही है। यहां गलत पाए जाने के बावजूद भी जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई करने के बजाय छोटे लोगों को दबाया जाता है और तो और बड़े कर्मचारियों को खुलेआम बचाया जाता है। ऐसा ही एक मामला भैयाथान विकासखंड के ग्राम पंचायत सिरसी का है जहां प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आए घरों को जिला स्तर का टारगेट पूरा करने के लिए बिना कंप्लीट हुए ही सरकारी रिकॉर्ड में पूर्ण बताने का काम किया गया है। जैसा की अधिकारियों के द्वारा दबाव होता है और उसे पूरा करने के निचले स्तर के कर्मचारियों पर दबाव बनाया जाता है, और उनसे गलत काम करवाए जाते हैं अपने बयान में नईम अंसारी ने बताया कि कैसे टारगेट पूरा करने के लिए उनके ऊपर दबाव बनाया जाता है और बताया जाता है कि अगर टारगेट को पूरा करोगे तो और भी मकान आएंगे जिसके चलते नईम अंसारी जैसे रोजगार सहायकों को गलत करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। रोजगार सहायक ने अपने बयान में आगे बताया कि बड़े अधिकारियों को भी इस बात की जानकारी होती है लेकिन चुकी सब कुछ उनके संरक्षण में होते रहता है इसलिए वह लोग मौखिक रूप से सहमति देते हैं और गलती पकड़े जाने पर सारा दोष रोजगार सहायक जैसे लोगों पर डाल देते हैं।नईम अंसारी ने अपने बयान में अपने अधिकारियों की पोल खोल कर रख दी है और नईम अंसारी की इस दिलेरी से विभाग के सफेद पोस अधिकारियों की वास्तविकता सबके सामने आ गई है। नईम अंसारी ने अपने बयान में अगर कुछ गलत या झूठी बातें बोली तो उन पर कार्रवाई करनी चाहिए थी अंदरुनी तरीके से उन्हें डांटने का अधिकार नवीन जायसवाल अमित खरवार और जनपद के अन्य अधिकारी को किसने दिया है, यदि रोजगार सहायक ने कुछ झूठ बोला है तो फिर उनके ऊपर कार्रवाई करनी चाहिए ना की उन्हें इस तरह से फोन करके बेइज्जत किया जाना चाहिए। अगर रोजगार सहायक के फोन में हुई होगी रिकॉर्डिंग तू अच्छे अच्छों की पोल खुल कर सामने आ जाएगी। नईम अंसारी ने बताया कि नवीन जायसवाल के अन्य गांव में भी उनके मामले हैं,अगर नईम अंसारी की बात सच निकलती है तो फिर नवीन जायसवाल और ब्लॉक कोऑर्डिनेटर के कारनामों की पोल खुल के सामने आ जाएगी, और उनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार की एक कहानी हमारे सामने आ जाएगी। घर अगर इस बात को आप ध्यान दें की कोई छोटा कर्मचारी अगर भ्रष्टाचार कर रहा है तो उसके ऊपर के अधिकारी का दायित्व बनता है कि वह अपने नीचे कर्मचारियों पर ध्यान दें और उसी गलतियों को यथासंभव सुधारने का प्रयास करें और गलतियां दंड देने लायक हो तो उसे कानून दंडित करें लेकिन यहां तो सब चोर चोर मौसेरे भाई वाली कहानी चरितार्थ हो रही है यह कोई भी साफ सुथरा नहीं है बल्कि यहां पर हर कोई, कोई ना कोई कारनामा करके ही बैठा है। रोजगार सहायक की माने तो नवीन जायसवाल अन्य ग्राम पंचायत में भी यही कहानी दोहरा चुके हैं और टारगेट पूरा करने के नाम पर अन्य गांव में भी रोजगार सहायक और आवास मित्र के साथ मिलकर अधूरे घरों को पूरा बताने का काम किया गया है।
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आखिर नईम अंसारी को क्यों कहना पड़ा पत्रकारिता करूंगा और सब की पोल खोलूंगा
रोजगार सहायक नईम अंसारी ने बताया कि उनके दिए गए बयान के बाद उन्हें काफी मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, इतने फोन और इतनी डांट सुनने के बाद अंतत उन्हें अपना फोन बंद करना पड़ा था सब यही पूछ रहे थे कि तुमने ऐसा क्यों बोला आखिर बेचारा नईम अंसारी सभी को जवाब देते देते थक गया और फिर उसने अपना फोन बंद कर लिया इसके बाद हमारी बात के दौरान नईम अंसारी ने बताया कि ज्यादा परेशानी में नहीं जल पाऊंगा भैया अगर नौकरी चली गई या मेरे पर कार्रवाई हुई तो मैं भी पत्रकार बन जाऊंगा और फिर सबके पोल खोल कर रख दूंगा। यह एक बेहद मार्मिक बातें रही जो नईम अंसारी ने हमें बताई आखिर एक बयान वह भी सच बातें बोलने पर क्यों जनपद के अधिकारी उन्हें इतना प्रताड़ित करने लगे थे आखिर जब गलती सबकी है तो दोषाटन केवल एक ही व्यक्ति को क्यों और यदि रोजगार सहायक पर कोई कार्रवाई करनी है तो उसे विधिवत कानूनी प्रक्रिया के तहत करनी चाहिए ना की फोन करके अपनी भड़ास निकाल कर यह किसी भी तरह से उचित नहीं है।