
जिनको RTI का फुल फॉर्म तक नहीं पता ऐसे 10 फेल कर रहे अधिकारियों को ब्लैकमेल
सारांश आरटीआई का हो रहा है दुरुपयोग अधिकारियों को ब्लैकमेल कर बना अवैध उगाही का जरिया, बलरामपुर जिले में सामने आया एक मामला जहां rti लगाकर पहले मांगी जारी फिर व्हाट्सएप में फोन कर मांगा पैसा। अधिकारी से पैसे मांगने के लिए इस गिरोह ने upi बार कोड भेज पैसे डालने की कही बात।
सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र बलरामपुर भारत सरकार ने सूचना का अधिकार अधिनियम मुख्य रूप से 12 अक्टूबर 2005 से लागू हुआ था जिसका उद्देश्य पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना, नागरिकों को सशक्त बनाना, भ्रष्टाचार पर नियंत्रण, सरकारी रिकॉर्ड का बेहतर प्रबंधन था, लेकिन आज के दौर में सूचना का अधिकार (Right to information) जिसका उपयोग से ज्यादा दुरूपयोग होने लगा है। आजकल जिस प्रणाली को शासन ने पारदर्शिता के लिए बनाया था उसका उपयोग करके कुछ अंगूठा छाप या यूं कहें चोर उचक्के अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं। सूचना प्रणाली के इस तंत्र का उपयोग करते हुए कई ऐसे लोग हैं जो अपनी रोजी-रोटी पालने का एक जरिया बन चुके हैं कई ऐसे लोग हैं जिनके घर का राशन या यूं कहें जब तक किसी अधिकारी को सूचना के अधिकार से जानकारी मांग कर उन्हें डरा ना लें उनके घर का चूल्हा नहीं जलता है। ऐसा ही एक मामला है जिस पर आज हम अपनी खबर के माध्यम से प्रकाश डालेंगे खुद को वाड्रफनगर नगर का निवासी बताने वाले अर्जुन खराती जो खुद को पत्रकार बताता है लेकिन हम किसी पत्रकार के विषय में नहीं लिख रहे हैं बल्कि एक ऐसे व्यक्ति के बारे में लिख रहे हैं जो असल में पत्रकार है ही नहीं बल्कि वह तो एक दसवीं फेल व्यक्ति है जिसको आरटीआई का फुल फॉर्म तक नहीं पता और जिसे आरटीआई लगाना कैसे हैं इसकी भी जानकारी नहीं है उसने हमें स्वयं बताया कि उसकी मैडम जिसका नाम पूजा राय है उसने उसे अपने टोटल (पोर्टल) मैं जोड़ा था और उसे इस प्रकार के काम करवाती है आपको बता दें कि इस अर्जुन खराती को टोटल और पोर्टल का फर्क भी नहीं पता है इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि फर्जीवाड़ा और अधिकारियों को ब्लैकमेल करना किस चरम पर बढ़ चुका है, कुछ मंदबुद्धि अधिकारी ऐसे भी होते हैं जो ऐसे फर्जी और अंगूठा छाप लोगों के बातों से डर भी जाते हैं। जब हमने अर्जुन खराती से बात की तो उसने बताया कि पूजा राय के कहने पर वह कई जगह आरटीआई लगाता है और लोगों से पैसे की मांग करता है इसके लिए पूजा राय के द्वारा एक व्यक्ति का क्यूआर कोड भी दिया जाता है जो की बैंक ऑफ़ बड़ौदा का है उसमें यह लोग पैसे लेते हैं और पैसे ना मिलने पर अधिकारियों को कई तरह के धमकी देने लगते हैं। आपको बता दें कि जब हमने पूजा राय से बात की तो उसने अपना नाम पूजा सिंह बताया और खुद को रायपुर के नवागढ़ का निवासी होना बताया जब इस संबंध में हमने रायपुर के लोकल व्यक्ति से जानकारी ली तो उसने बताया कि रायपुर में नवागढ़ नाम की कोई जगह ही नहीं है जो महिला खुद को पूजा सिंह बता रही थी वह ठीक से हिंदी तक नहीं बोल पा रही थी उसके बात करने के लहजे से साफ तौर पर हिंदी और बंगाली की झलक आ रही थी ऐसे लोग जो किसी भी तरह से वास्तविकता में नहीं है ना तो पत्रकार ही है और ना ही आरटीआई के विशेषज्ञ है ऐसे लोग पत्रकारों और आरटीआई विशेषज्ञों दोनों की छवि को धूमिल कर रहे हैं। अर्जुन खराती खुद को वाड्रफनगर के झिरमिटी का रहने वाला बताता है। पूजा राय और अर्जुन जैसे लोग समाज के लिए एक धब्बा हैं जिनके द्वारा अक्सर अधिकारियों के पास RTI लगाकर केवल पैसे की मांग की जाती है। इन लोगों के द्वारा RTI लगाने के बाद फोन पे/गूगल पे का बार कोड भेज कर पैसों की मांग की जाती है। अर्जुन जिसे wadrafnagar लिखना तक नहीं आता जिसने ward of nagar लिखा हो उसके बारे में आप समझ सकते हैं कि वह दसवीं फेल कितना बड़ा चोर होगा।








अगले अंक में इन फर्जी वालों का पोल खोल साक्ष्य प्रस्तुत किया जाएगा जिसमें इन लोगों के द्वारा अधिकारियों कैसे ब्लैकमेल किया जाता है और पैसा कैसे ऐंठा जाता है हम इसके साक्ष्य आपके सामने लाएंगे
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