क्या शराबियों को बचाने पद की मर्यादा भूल गए अधिकारी,,वीडियो सामने होने के बाबजूद क्या जांच कर रहे हैं एसडीएम…..? आखिर आवेदन और समाचार प्रकाशित होने के इतने दिनों बाद भी क्या खाक छान रही है सरगुजा पुलिस की टीम..?

सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र अम्बिकापुर होलिका दहन की शाम पटवारी कार्यालय सह आवास फुंदुरडिहारी में पटवारियों द्वारा शराब पार्टी किए जाने और उनका वीडियो बनाने वाले पत्रकारों से गाली गलौज और बंधक बनाकर जान से मारने की धमकी देने मामले में पत्रकारों ने सरगुजा कलेक्टर कुंदन कुमार, सरगुजा आईजी रामगोपाल गर्ग और सरगुजा एसपी भावना गुप्ता से शिकायत 10/03/23 को की गई जिसके बाद सरगुजा कलेक्टर ने मामले के जांच के आदेश एसडीएम अम्बिकापुर को दे दिए हैं। लेकिन पुलिस विभाग आज पर्यंत इस मामले में न तो कोई जांच कर पाई हैं और न ही आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज किया गया हैं। ऐसे में यह समझ से परे हैं कि अधिकारीगण इस मामले में आरोपियों का समर्थन कर रहे हैं या फिर इस मामले के ठंडे बस्ते में जाने का इंतजार कर रहे हैं?
आपको बता दें कि पटवारियों द्वारा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पहले तो एक सरकारी कार्यालय में शराब पार्टी की गई और फिर उनका वीडियो बनाने पर पत्रकारों से गाली गलौज कर दिया। पटवारियों द्वारा अपनी सारी हदों को तोड़ते हुए पत्रकारों को मारने के लिए 100–150 लोगो को बुलाया गया और पत्रकारों से जबरन वीडियो डिलीट करवाया गया। पत्रकारों को जान से मारने की धमकी दी गई। पटवारियों द्वारा न केवल पत्रकारों से दुर्व्यवहार किया गया बल्कि पत्रकारों के आत्मसम्मान को भी क्षति पहुंचाई गई। पटवारियों के इस कृत्य का पूरा वीडियो हमारे द्वारा चलाया गया और वह वीडियो जम कर वायरल भी हुआ लेकिन बावजूद इसके पुलिस विभाग न जाने क्यों ऐसे अपराधियों का समर्थन कर रही हैं और मामले को दबाने की कोशिश कर रही हैं।

आखिर एसडीएम को किस बात का है डर या फिर SDM की भी है मौन सहमति..?

इस पूरे मामले में जब एसडीएम के समक्ष साक्ष्य के तौर पर वीडियो प्रस्तुत है तब भी एसडीएम साहब अपने आंखों में पट्टी बांधे क्यों घूम रहे हैं,उन्हे पता है की फुंदूरडीहारी कार्यालय किसका है और वीडियो में साफ तौर पर लोग दारू पीते नजर आ रहे हैं तो SDM महोदय को कार्यवाही करने में इतना सोचना क्यों पढ़ रहा है।कार्यालय प्रमुखों को बुलाकर इस मामले की पूछ परख करनी चाहिए तथा उनपर विधिपूर्वक कार्यवाही होनी चाहिए ,क्योंकि शराब पीना गलत नही है लेकिन सरकारी कार्यालय में शराब पीना कहां सही है। आज एसडीएम महोदय कार्यवाही का साहस नहीं जुटा पाए तो कल ना जाने सरकारी कार्यालय में क्या क्या होगा यह बताने की जरूरत नही हैं। अगर एसडीएम इस पर कार्यवाही नही कर रहे हैं तो ऐसा भी हो सकता है की वो भी अपने कार्यालय में सिविल सेवा अधिनियम की धज्जियां उड़ाते होंगे बस कोई जांबाज पत्रकार का कैमरा उन तक पहुंच नही पाया है,और पटवारियों का करनामा उन्हे सही लग रहा होगा।

मामले को इतने दिन बीत जाने के बाबजूद आज तक विभाग कार्यवाही का साहस नहीं उठा पाया है या फिर मामले में लेन देन करके माल पानी लेकर मामले को क्लीन चिट दे दिया गया होगा यह समझ से परे है और ना हम इस बात की पुष्टि करते हैं,लेकिन इतने दिन बीत जाने के बाबजूद क्या पटवारियों के भय से या फिर भूमाफियाओं के डर से उच्च अधिकारियों के हांथ पांव डर के मारे फूल रहे हैं या फिर पटवारियों ने नोटों की गड्डी से अधिकारियों मुंह ही सी दिए हैं यह भी समझ से परे हैं हालांकि संभावनाओं का कोई अंत नहीं होता लेकिन हो तो कुछ भी सकता है। मामला जो भी हो पर इस पूरे मामले पर वीडियो सामने आने के बाबजूद आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है,आगे देखने वाली बात होगी की इस पर क्या कार्यवाही होती है या इस मामले को लेन देन/ येन तेन करके लीपापोती कर दी जाती है।

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