श्रद्धालुओं के हृदय में बसा बैकुंठपुर के अखराडांड़ का व्याधिहरण मंदिर… हर वर्ष 25 अप्रेल के दिन मनाया जाता है इस मंदिर का स्थापना दिवस…

सिंधु स्वाभिमान देबाशीष गांगुली (ब्यूरो प्रमुख एम.सी.बी./कोरिया)
इस नव युग में आज के युवा वर्ग के कुछ नौजवान एवं बच्चों को अपने संस्कृति एवं धार्मिक आस्थाओं के प्रति इन दिनों बड़ी सादगी से रूचि लेते देखा जा सकता है, वहीं दूसरी तरफ़ हिन्दू धर्म में संस्कृति एवं संस्कारों का साक्ष्य परिपूर्ण रूप से पाया जाता है, अगर साक्ष्य की बात करें तो साक्ष्य आज के नवयुग में मंदिरों की साज सज्जा एवं वहां के वातावरण में फैली हुई आस्था के रूप में देखा जा सकता है।

हिन्दू धर्म में बताया गया है कि रजोगुण ब्रह्मा, सत्वगुण विष्णु, तमोगुण महेश ये तीन प्रधान देव अर्थात भगवान है, श्री ब्रह्मा जी रजोगुण के प्रधान, श्री विष्णु जी सत्व गुण के प्रधान, और श्री महेश जी तामो गुण के प्रधान। यह तीनों देव अर्थात भगवान त्रिलोक (पृथ्वी लोक, पाताल लोक, स्वर्ग लोक) के स्वामी है, जिनके बाद, वेदों पुराणों की मानें तो कुल तैंतीस कोटि देवी देवता विराजमान हैं, जिनकी पूजा हिन्दु धर्म में सर्वोच्च नियमानुसार एवं विधि विधान पूर्वक की जाती है, इन सबसे सबसे जुड़ी हुईं सबकी विभिन्न विशेषता एवं आस्था है।

कुछ इसी तरह, जिला कोरिया के बैकुंठपुर शहर में मौजूद हैं छिनडांड़, जहां छिनडांड़ के फॉरेस्ट कॉलोनी में में 25 अप्रेल के पावन दिवस पर सन् 1994 में, व्याधिहरण मंदिर की स्थापना परम पूजनीय स्वर्गीय रामभजौ महाराज जी के द्वारा की गई थी, इस मंदिर की स्थापना में फारेस्ट डिपार्टमेंट के उच्च अधिकारी एवं कर्मचारियों ने भी अपनी एहम भुमिकाएं निभाईं, और आज भी हर संभव प्रयास एवं भुमिकाएं निभाते नज़र आ रहे हैं, वन विभाग एवं आस पास निवासरत आमजनमानस एवं इन सारे श्रद्धालुओं द्वारा तन मन धन से, इस मंदिर के रचे गए अस्तित्व को बनाए रखने एवं भक्तिभाव में विलीन रह कर मंदिर की साज सज्जा, रख रखाव एवं देखभाल समय समय पर किया जाता रहा है।

आज दिन मंगलवार, दिनांक 25 अप्रैल 2023 को इस पावन स्थल व्याधिहरण मंदिर का स्थापना दिवस जो कि हर वर्ष ही, इसी दिन स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है, व्याधिहरण मंदिर में विराजमान भोलेनाथ के साथ ही साथ समस्त नवग्रहों एवं 33 कोटि देवी देवताओं की श्रद्धापूर्वक पूजा अर्चना की जाती है, ढोल मजीरा के साथ कीर्तन पाठ भी समय समय पर इस मंदिर में किया जाता है, कुछ इसी तरह आज व्याधिहरण मंदिर के स्थापना दिवस के पावन अवसर पर भजन कीर्तन के साथ ही साथ भव्य रूप से पूजा एवं भोग वितरण के कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसका सकुशल प्रबंध फॉरेस्ट कॉलोनी में निवासरत वन विभाग के उच्च अधिकारी उप वन मंडल अधिकारी अखिलेश मिश्र एवं अन्य समस्त श्रद्धालुओं द्वारा हर वर्ष किया जाता है जहां श्रद्धालुओं की जमकर भीड़ लगती है और वहां के भक्तिमय वातावरण का लोगों में एक सकारात्मक असर भी देखा जाता है, इस तरह का आयोजन एवं इस दौर में भी सनातन धर्म के प्रति निस्वार्थ सेवा भाव जोकि अपने आप में काबिले तारीफ है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *