जल संसाधन विभाग के गुणवत्ताहीन कार्यों पर कोरिया कलेक्टर ने दिए सुधार एवं जल्द से जल्द निराकरण के निर्देश, ग्रामीणों को मिली आशा की नई किरण…

जल संसाधन विभाग की असफलताओं एवं अपनी दुख पीड़ा भरी दास्तां सुनाने पहुंचे ग्रामीण कलेक्टर कोरिया समक्ष, कलेक्टर ने लगाई उच्च अधिकारियों को फटकार एवं सुधार कार्य के दिए निर्देश…

सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र देबाशीष गांगुली जिला प्रमुख : एम.सी.बी./कोरिया

खड़गवां। जनवरी, 1985 में सिंचाई मंत्रालय को पुनः सिंचाई और विद्युत मंत्रालय का एक अंग बना दिया गया। तथापि सितम्बर, 1985 में केन्द्रीय सरकार के मंत्रालयों के पुनर्गठन में तत्कालीन सिंचाई और विद्युत मंत्रालय को विभाजित कर दिया गया और सिंचाई विभाग को जल संसाधन मंत्रालय के रूप में पुनर्गठित किया गया, इसका मुख्य उद्देश्य यह था कि किसानों के हित एवं ग्राम पंचायतों के विकास के लिए एक अलग विभाग जो कि इनके खेती किसानी के लिए जलापूर्ति एवं पर्याप्त संसाधनों का प्रबंध कर सके, जिससे किसान मात्र वर्षा पर निर्भर ना रहें।

मगर आज के वर्तमान समय में, इन किसानों के साथ दुराचार करने पर बाध्य जल संसाधन विभाग के उच्च अधिकारी जो कि अपनी झोली भरने के सिवाय अपने कर्तव्यों का किसी प्रकार से कोई निर्वाहन नहीं कर रहे हैं, साथ ही साथ जानकारी लेने का प्रयास करते हुए लोगों से भी ऐसे भ्रष्ट अधिकारी मुंह छुपाए भागते नज़र आते हैं, ना फोन से संपर्क मुमकिन ना ही कार्यालय में उपस्थित? जवाब मांगे तो किससे? ऐसा कहना सांवला गांव के ग्रामीणों का है, जहां ठेकेदार के साथ तालमेल जमाए उच्च अधिकारी कमीशनरूपी मोटी मलाई डकार जा रहे हैं, ऐसे भ्रष्टाचार भरे कार्यों का खामियाजा भुगतना ग्रामीणों को पड़ रहा है, जिसके बाद ग्रामीणों ने बाध्य हो कर जिला कोरिया के कलेक्टर के दरवाज़े दस्तक दी, जिनका कहना यह है कि अब जल संसाधन विभाग द्वारा उनके समस्याओं का कोई निवारण नहीं किया जाने वाला, अब तो जिला कलेक्टर के समक्ष ही वे अपने दुख पीड़ा को रखने की मनोदशा लिए पहुंचे, ग्राम सावला के ग्रामीणों ने सोमवार की सुबह जिला कोरिया के कलेक्ट्रेट में पहुंच उक्त मामले के संबंध आवेदन सौंपा एवं इस पूरे भ्रष्ट मामले में संलिप्त अधिकारियों पर सख़्त कार्यवाही करने का आग्रह किया और किए गए कार्य का भौतिक सत्यापन करने की भी मांग रखी, जिसके बाद उन्हें अब मात्र जिला के कलेक्टर से ही न्याय मिल पाएगा।

इस पूरे मामले को कलेक्टर कोरिया ने अपने संज्ञान में लिया और इस मामले पर जिला कोरिया के कलेक्टर से पत्रकारों द्वारा मुलाकात भी कई गई, जिसके पश्चात कलेक्टर ने सम्पूर्ण मामले को बड़ी गंभीरता से सुनने एवं समझने के बाद, इस पूरे मामले पर जल संसाधन विभाग के कार्यपालन अभियंता को फटकार लगाई एवं जल्द से जल्द ग्रामीणों को हो रही समस्याओं का निराकरण करने के साथ गुणवत्तापूर्ण कार्य में तेज़ी से सुधार कार्य करने के सख़्त निर्देश दिए, साथ ही साथ उन्होंने बताया कि यदि इसके बाद भी जल संसाधन विभाग से संबंधित किसी भी तरह की अनियमितताओं की शिकायतें उनके संज्ञान में आती हैं, जिसके बाद भ्रष्टाचार में संलिप्त समस्त लोगों पर उनके द्वारा कड़ी कार्यवाही की जाएगी।

अब देखना यह है कि ऐसे गुणवत्ताहीन कार्यों को अंजाम देने वाले संलिप्त अधिकारियों द्वारा भविष्य में सरकार के संपत्ति का इस्तेमाल पूरी ईमानदारी से किया जाता है या फिर आमजनमानस के अधिकारों का हनन भ्रष्टाचार में लिप्त ऐसे अधिकारियों द्वारा आगे भी निरंतर किया जाता है, और अगर ऐसे गुणवत्ताहीन कार्यों को इसके बाद भी अंजाम दिया गया तब शासन प्रशासन द्वारा इन पर किस तरह की कार्यवाही की जाती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *