एसडीएम के स्थगन आदेश की अवहेलना कर रोक रहे रास्ता, क्या कानून भी नही दिला पाएगी एक नागरिक को उसका अधिकार

सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र सूरजपुर ग्राम सतपता में काफी लंबे समय से अपने निस्तार के लिए रास्ते की मांग कर रहे आवेदक रामकुमार के द्वारा प्रशासनिक अधिकारियों के चक्कर काटते हुए काफी अरसा बीत गया है लेकिन आज प्रयंत तक आवेदक को सरकारी अधिकारी रोड नही दिला पाए,मामला जमीन पर रोड निकालने का है जो आवेदक के कहे अनुसार पूर्व से ही नक्शे में रोड दर्शाया गया है बाबजूद इसके उक्त भूमि पर कमलेश तिवारी और राकेश विश्वकर्मा का कब्जा है कब्जे की बात तो आपने कई सुनी होगी लेकिन यह मामला रोड पर

अनाधिकृत कब्जा करने की है,दोनो अनावेदकों से परेशान होकर आवेदक ने एसडीएम महोदय से 19/06/2023 को उक्त रास्ते पर अवैध निर्माण और अनाधिकृत कब्जा रोकने के लिए स्थगन आदेश लिया गया है लेकिन अनावेदक के द्वारा मनमाने ढंग से और एसडीएम के आदेश को ताक पर रखते हुए निर्माण कराया जा रहा है,इस मामले पर जब 21/06/2023 को पुलिस ने कार्य ना करने और एसडीएम के स्थगन आदेश की प्रक्रिया का पालन करने की बात कही है इसके बाबजूद भी आज पुनः स्थगन आदेश का उल्लंघन करते हुए अनावेदक के द्वारा मनमाने ढंग से निर्माण कार्य कराया जा रहा है,आवेदक अपने निस्तार के लिए रास्ते की मांग कर रहा है वो रास्ता जो जमीन पर है और जो नक्शे में भी मार्ग के रूप में अंकित है बाबजूद इसके धड़ल्ले से अनावेदक निर्माण कर रहे हैं और आवेदक के मौलिक अधिकारों का हनन कर रहे हैं।

पुलिस के जाते ही महिलाएं देती हैं गंदी गालियां

आवेदक का आरोप है की जब स्थगन आदेश तामिल कराने पुलिस आए उसके बाद पुलिस के जाते ही अनावेदक के घर की महिलाएं अभद्र गलियां देती हैं जिसका साक्ष्य भी आवेदक के परिजनों के पास उपलब्ध है।
आखिर आवेदक रामकुमार को कब निस्तार हेतु रास्ता मिलेगा जो उसका मौलिक अधिकार है क्या प्रशानिक अधिकारी अनावेदक के दबंगई को रोक पाएंगे यह देखने वाली बात होगी।

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