बिना धर्म की राजनीति संभव नही है…धर्म ही राजनीति सिखाती है… भगवान कृष्ण, राम से बढ़िया राजनीति कौन करेगा…राजनीतिज्ञको रामायण भागवत सुननी चाहिए- आचार्य देशमुख वशिष्ठ

सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र सूरजपुर नगर के रंगमंच मैदान में गोयल खरकिया परिवार द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में पहुचे आचार्य देशमुख वशिष्ठ महाराज ने बताया वे कथा के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों को दूर करने का प्रयास कर रहे है । आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होने भ्रूण हत्या,दहेज प्रथा जैसे अन्य सामाजिक कुरीतियों सहित सनातन धर्म पर बेबाक बात की। उन्होंने कहा कि आज गर्भ में कन्याओं को मरवा दिया जाता है जिसे हम नवरात्रि में दुर्गा मानकर पूजते है और उनकी घट ज्योति जलती है, अगर आप गर्भ में पल रही कन्या की रक्षा नही कर सकते तो आप नव रात्रि का व्रत करना बंद कर दे। वैष्णव देवी की यात्रा न करे, इस कुरीति को समाज से हटाना पड़ेगा। दहेज प्रथा और सनातन के बारे में लोगो जागरूक करते है । उन्होंने बताया सनातन में ही भगवान राम कृष्ण का जन्म हुआ। सनातन धर्म का मतलब बहुत पुराना, प्राचीन, सृष्टि के प्रारभ से यह धर्म चला आ रहा । सनातन प्रत्येक मनुष्य से प्रेम करना, सबको एक करना सिखाता है वे कथाओं के माध्यम से प्रयास करते है सामाजिक बुराइयां दूर हो सके। आचार्य देशमुख वशिष्ठ महाराज ने सनातन धर्म पर हो रहे हमले पर बोला कि सनातन धर्म का परचम हमेशा लहराता रहेगा उसे कोई छोटा नही कर सकता, और किसी के कहने से छोटा नही हो जाएगा।जब कोई दांत दर्द करने लगता है जीभ उसका परिचय डॉक्टर को बताता है दांत निकाल दिया जाता है ठीक वैसे ही जो लोग सनातन के विपरीत खड़े है अपने आप पता चल जाता है। सनातन महान है महिमा महान है। सनातन की शक्ति ही है चंद्रयान जी 20 बहुत बड़े बड़े कार्य देश मे हो रहे है।

धर्म ही राजनीति सिखाती है…

आचार्य ने धर्म की राजनीति के सवाल पर बताया कि धर्म ही राजनीति सिखाती है, राजनीति का अर्थ क्या है.? महाराज दशरथ को धर्म धुरंधर कहा गया, भगवान कृष्ण से बढ़िया राजनीति कौन करेगा, राम से अच्छा कौन करेगा, मैं तो कहता हूँ जितने राजनीतिज्ञ है इन सबको रामायण भागवत सुननी चाहिए ताकि अच्छे राजनीतिज्ञ बन जाये ताकि अपने देश राष्ट को गौरवान्वित करे, जैसे कृष्ण, राम ने किया,राजनीति में धर्म का होना जरूरी है,बिना धर्म की राजनीति संभव नही है ।

जैसा राजा होगा वैसी प्रजा…

आचार्य ने अपने विचार प्रगट करते हुए बताया कि जैसा राजा होगा वैसी प्रजा होगी, इस समय के प्रधानमंत्री बहुत धार्मिक है केदारनाथ जाते है आश्रम पहुचते है, महाकालेश्वर जाते है,प्रजा के ऊपर राजा का माता पिता का प्रभाव,संतान के ऊपर प्रभाव, अगर राजा गुणों से सम्पन्न होगा तो प्रजा भी ऐसे गुणों से सम्पन्न होगा। आज पूरे विश्व की नजर भारत देश पर है। पत्रकार वार्ता के दौरान अनिल गोयल,सुभाष गोयल,प्रसुन्न गोयल,मुकेश गोयल,अर्थव गोयल,कान्हा गोयल,तुषार,राजेश,पीयूष,विकाश,राहुल,आदर्श,विपुल, एकांश गोयल मौजूद रहे।

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