अम्बिकापुर के सरकारी अस्पताल के लचर व्यवस्था की पोल एक बार फिर से खुल कर सामने आ रही है,जहां एक पिता के साथ इलाज के नाम पर एक गंदा मजाक किया जा रहा है। गांधीनगर निवासी मनोज चौहान कुछ महीने पूर्व पेड़ से गिरी अपनी बेटी को इलाज के लिए जिला अस्पताल अम्बिकापुर लेकर जाते हैं
जहां 15 दिन एडमिट करने के बाद मुनिला रवि को ऑपरेशन के लिए डॉक्टर्स लेकर जाते हैं लेकिन ऑपरेशन से सम्बन्धित उपकरण ना होने के कारण मरीज का बिना ऑपरेशन किए ही कुछ देर बाद बाहर निकल दिया जाता है और यही सील सिला 3 बार तक चलते रहता है और मरीज के पिता अपनी बेटी के इलाज के लिए परेशान रहते हैं, मरीज के पिता से 3 बार मजाक करने के बाद भी जब डॉक्टर्स का मन नहीं भरा तो मरीज के पिता को एक बार फिर से ऑपरेशन के लिए बुलाया जाता है तब जिला अस्पताल के मजाक से परेशान पिता डॉक्टर्स को ऑपरेशन के उपकरणों की जांच करने की सलाह देते हैं जिससे उन्हें फिर एक बार निराश होकर ना लौटना पड़े। गौरतलब है की ऑपरेशन उपकरणों की कमी कहें या विभाग की लापरवाही जो एक मरीज अपनी जान बचाने जिला अस्पताल आती है लेकिन उसका इलाज इतने महीनों के बाद भी जिला अस्पताल के चिकित्सक आज पर्यंत तक नहीं कर पाए हैं।ऐसे में भगवान का शुक्र गुजार होना चाहिए की मरीज आज तक जीवित है नही तो जिला अस्पताल के इस लचर व्यवस्था के आगे टिक पाना अच्छे अच्छों की बात नहीं हैं।
खैर इस घोर लापरवाही जो एक मरीज के लिए नही चूंकि यह मामला प्रकाश में आया है तो इसके सामने आने की बात आ रही है नहीं तो ऐसे कई मामले हो सकते हैं जिनमे ऐसी लापरवाही हुई होगी और पीड़ितों को अपनी जान पर खेलना पड़ा होगा