शिक्षा विभाग की तानाशाही या नादानी का परिणाम झेल रहे रामनगर   शा. उ. मां विद्यालय के बच्चे,विषय का शिक्षक ना होने से बच्चों का भविष्य अंधकार में

ग़लत अतिशेषीकरण से छात्रों का भविष्य संकट में: रामनगर विद्यालय में अंग्रेजी विषय की पढ़ाई ठप, बहाली की माँग तेज

सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र सूरजपुर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रामनगर में शिक्षा व्यवस्था से जुड़ी गंभीर लापरवाही सामने आई है। अंग्रेज़ी जैसे महत्वपूर्ण विषय के शिक्षक पिंकू शर्मा को जिला शिक्षा अधिकारी भारती वर्मा द्वारा अतिशेष घोषित कर दिया गया, जबकि विद्यालय में वर्तमान में कोई भी अंग्रेज़ी विषय का शिक्षक पदस्थ नहीं है। इस निर्णय से न केवल शिक्षक का भविष्य प्रभावित हो रहा है, बल्कि सैकड़ों छात्रों की पढ़ाई पूरी तरह ठप हो गई है। छात्रों ने बताया कि विद्यालय खुलने के बाद से आज तक अंग्रेज़ी विषय की एक भी कक्षा नहीं लगी है, क्योंकि कोई भी शिक्षक उपस्थित नहीं है।छात्रों में इस निर्णय को लेकर रोष है। रामनगर, रनियाडीह और रामपुर ग्राम पंचायत के सरपंचों, पंचों और सैकड़ों ग्रामीणों ने इस संबंध में कलेक्टर महोदय को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें तत्काल शिक्षक की बहाली की माँग की गई है,लेकिन आज पर्यंत तक इस विषय में कोई भी कार्यवाही सामने नहीं आई है,जिस कारण बच्चों का भविष्य अधर में लटका नजर आ रहा है। एक विषय का शिक्षक ना होना और कक्षा संचालित ना होना एक गंभीर विषय है,अगर ऐसा ही चलता रहा तो बच्चों का पूरा साल और उनका मेहनत बर्बाद होगा। ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि वो डीईओ के कार्यों पर लगातार उठ रहे सवालों की जांच करवाए और स्कूल में विषयवार शिक्षकों की व्यवस्था की जाए।

छात्रों की चेतावनी: “अगर अंग्रेज़ी शिक्षक की बहाली नहीं हुई, तो करेंगे स्कूल बंद”

छात्रों ने एक सुर में कहा है कि अगर जल्दी ही अंग्रेज़ी शिक्षक की पदस्थापना नहीं की गई, तो वे स्कूल बंद करने जैसे कठोर कदम उठाने को मजबूर होंगे। यह मामला शिक्षा के अधिकार और बच्चों के भविष्य से सीधा जुड़ा हुआ है।

पिंकू शर्मा ने 100 से अधिक बार किया आवेदन, शिक्षा विभाग मौन
शिक्षक पिंकू शर्मा ने बताया कि वे इस अन्याय के विरुद्ध लगभग 100 बार आवेदन दे चुके हैं — कलेक्टर, जिला शिक्षा अधिकारी, संभागायुक्त से लेकर शिक्षा मंत्री तक — परन्तु शिक्षा विभाग आंख मूंदकर बैठा है।

शिक्षक पिंकू शर्मा के आवेदन

समाज में उठ रही आवाज़ें:
इस मामले को लेकर अभिभावकों, ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों में आक्रोश है। उनका कहना है कि जिस स्कूल में विषय का शिक्षक ही न हो, वहाँ बच्चों की पढ़ाई और भविष्य दोनों के साथ अन्याय हो रहा है। मांग है कि पिंकू शर्मा की तत्काल रामनगर में बहाली की जाए और जिन आधारों पर उन्हें अतिशेष किया गया, उनकी पुनः निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाए।

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