सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र बलरामपुर गैना स्कूल का विगत परीक्षा परिणाम 100% रहा जिससे क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ी सफलता माना जायेगा,लेकिन जब इस खोखले दावों की सच्चाई दुनियां के सामने आ रही है जो शिक्षा व्यस्था के इस फर्जीवाड़े की पोल खोल के रख रहा है। वीडियो में दिख रहा नजारा कुछ अलग ही बयां कर रहा है, वीडियो में दिख रहे छात्र के द्वारा शिक्षक को परीक्षा में नकल करने के एवज में पैसे दिया जा रहा हैं,और उसपर शिक्षक के द्वारा पैसे लेकर पास कराने की जिम्मेदारी भी ली जा रही है,पास कराने नकल कराने की जिम्मेदारी शिक्षक द्वारा लिया जा रहा है। शिक्षा मंत्री के क्षेत्र में इस प्रकार से बच्चों को नकल करा कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
इस वीडियो ने गैना स्कूल के 100% परीक्षा परिणाम की पोल खोल दी है, गैना स्कूल का विगत परीक्षा परिणाम 100% रिजल्ट आना वो भी नकल के दम पर बेहद शर्मनाक घटना है,इस मामले में पुनः विवादित प्रभारी प्राचार्य श्याम किशोर जायसवाल के निगरानी में परीक्षा लिया गया था और अपने पुराने विवादित अंदाज में एक और विवाद का मामला सामने आ रहा है, आए दिन प्रभारी प्राचार्य के मामले ऐसे ऐसे सुनने को आ रहे हैं जिसमे प्रभारी प्राचार्य के काले कारनामों का खुलासा हो रहा है बाबजूद इसके शिक्षा विभाग के अधिकारी महिलांगे अपने कान में तेल डालकर सो रहे हैं। आखिर जब बच्चों को सही से बढ़ाया जाता तो उन्हें शॉर्ट कट तरीके से पास होने की जरूरत नहीं पड़ती लेकिन पढ़ाई ना करा कर बच्चों से खुद शिक्षक पैसे लेकर पास कराने की जिम्मेदारी ले रहे हैं,जो बेहद शर्मनाक घटना है,और यह कु कृत्य शिक्षा जगत को बदनाम करता है इस मामले में पूरे तरीके से स्कूल विभाग का कारनामा सामने आ रहा है,सरकार द्वारा इन लोगों को बेवजह वेतन दिया जा रहा है,क्योंकि ये लोग बच्चों को पढ़ाना छोड़कर नकल कराने के पैसे ले रहे हैं जो शिक्षक और छात्र की गरिमा का मान गिरा रहे हैं। ऐसे शिक्षको पर दंडात्मक कार्यवाही होनी चाहिए जिससे भविष्य में दूसरे इस बात से सबक लें और शिक्षा व्यवस्था का इस प्रकार मजाक बनाने का साहस ना कर सकें।
चोरी उपर से सीना जोरी
मिली जानकारी के अनुसार शिक्षा मंत्री के सामने 100% रिजल्ट की बात करके गैना स्कूल के शिक्षक और प्रभारी प्राचार्य श्याम किशोर जायसवाल के द्वारा काफी वाह वाही लूटने का प्रयास किया गया है,लेकिन शिक्षा मंत्री को क्या पता की ये करनाम उनकी आंखों में धूल झोंक कर किया गया है,नकल से पास कराके रिजल्ट लाना कोई गर्व की बात नही बल्कि शर्म की बात है और इस कु कृत्य पर प्राचार्य श्याम किशोर जायसवाल और सम्मिलित शिक्षकों पर कार्यवाही होनी चाहिए।