सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र सूरजपुर जिले में एक व्यक्ति अपनी आवाज उठाते उठाते दम तोड रहा है क्योंकि उसे न्याय मिलती नजर नहीं आ रही रही है मामला सतपता निवासी रामकुमार के आवेदन पर एसडीएम पर ने स्थगन आदेश दिया है बाबजूद एसडीएम के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए कमलेश तिवारी और राकेश विश्वकर्मा निर्माण कार्य कर रहे हैं जबकि एसडीएम रवि सिंह ने उक्त जमीन पर स्थगन आदेश दे रक्खा है। मिली जानकारी के अनुसार कमलेश तिवारी का सत्ता पक्ष के विधायक से काफी अच्छी पहचान है जिसके चलते आज तक एसडीएम सही ढंग से इस मामले पर उचित कार्यवाही का साहस नहीं जुटा पा रहे हैं,मामला निस्तार के लिए रास्ते के जमीन पर कब्जे का है क्योंकि कमलेश तिवारी और राकेश विश्वकर्मा के द्वारा रास्ते में कब्जा किया जा रहा है और उसके चलते रामकुमार भगत और उनके परिजन काफी परेशान हैं।
स्थगन आदेश के बाद रात में चलता है काम,क्या प्रशासन कान में तेल डाल के सो रहा है..?
रात में काम चलते रहते हैं वो भी धड़ल्ले लेकिन कोई अधिकारी या कर्मचारी झांकने तक नही आता और परिजन परेशान होते हैं।
आदिवासी की जमीन पर भी है इस बाहुबली का कब्जा लेकिन प्रशासन नही कर रहा 170(ख) की कार्यवाही
आखिर जिस जमीन पर टी टी पप्पन का नाम है और उसका पट्टा भी उसी के नाम पर है और टी टी पप्पन की जाती आदिवासी भी लिखी हुई है बाजूद इसके आज तक एक गैर आदिवासी उस जमीन पर निवासरत है आखिर कैसे..?
एसडीएम का कथन था की निर्माण में लगे सामग्री की जप्त किया गया है वो भी संदेहास्पद है क्योंकि आज तक तो ऐसे कोई कार्यवाही दिखी नही है अब ऐसे में आवेदक क्या करे उसे ही पता होगा।
क्या एक फरियादी को भारत का संविधान न्याय दिला पाएगा या नहीं यह सोचने वाली बात है