सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र कुमदा आखिर क्या कारण है कि लोग सरपंच को निकम्मा बता रहे हैं। सूरजपुर जिले के ग्राम पंचायत कुमदा बस्ती का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने ग्राम के सरपंच पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा है की लगभग 40 हजार रूपए के लागत से बना स्नानागार कागजों में दिख रहा है। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि हकीकत में तो यह स्नानागार 10 हजार रूपए की लागत का भी नही लग रहा।ग्रामीणों ने कहा की हम लोग हरिजन मोहल्ले में रहते हैं। यहां बरसात के समय जगह जगह पानी भर जाता है। जिसके निकासी की सुविधा ही नहीं है। बीमारी को न्योता देने वाला गंदा पानी निकासी के लिए कही भी नाली निर्माण नहीं कराया गया है । यहां का गंदा पानी घरों में घुस जाता है। जिससे कई प्रकार की परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं एक तरफ सरकार गांव की सड़क को मुख्य मार्ग से जोड़ने तथा पुल पुलिया निर्माण कराने की शेखी बघारती है, परंतु इस मोहल्ले में कहीं भी सीसी रोड आज तक नहीं बन पाया है। ग्राम की महिलाओं का कहना है कि बरसात के दिनों में हमें व बच्चों को कीचड़ से होकर निकलना पड़ता है। तथा महिलाओं का साफ साफ कहना है कि विकास के नाम पर सरपंच हरिजन मोहल्ले को सिर्फ भेदभाव की नजर से देखते हैं। तथा हमें शासकीय योजनाओं की भनक तक नहीं लगती। वही हरिजन मोहल्ले में कई लोगों द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु आवेदन लगाया गया है जिस पर आज तक किसी भी प्रकार का कोई संज्ञान नहीं लिया गया है। आवेदन कर्ताओं ने बताया कि मात्र इसी मोहल्ले के लोगों को आवास उपलब्ध नहीं कराया गया है बाकी अन्य क्षेत्र में महीनों पूर्व ही उपलब्ध कराया जा चुका है। जिसके कारण ही मोहल्ले का विकास अधर में लटका हुआ है। शायद यही कारण है कि ग्रामीण सरपंच को निकम्मा बता रहे हैं।
कुमदा ग्राम वासियों ने सरपंच को बताया निकम्मा,सरपंच पर लगाया भेद भाव का आरोप
