राकेश कश्यप के सामने झुका है स्वास्थ्य विभाग..? जांच में दोषी तो कार्यवाही करने में साहब लोगों का क्यों छूट रहा पसीना..?

सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र अम्बिकापुर अम्बिकापुर के भगवानपुर स्वास्थ्य केंद्र में राकेश कश्यप नाम के व्यक्ति की की नियुक्ति एक व्यवस्था के तहत 2021 में 89 दिवस या यदि जिस प्रयोजन के लिए किया गया है वह पूर्ण हो जाता है तो नियुक्ति स्वतः खारिज हो जाएगी इसके लिए कोई दूसरा आदेश जारी करने की आवश्यकता नहीं है के तहत की गई थी,परन्तु इस व्यक्ति की नियुक्ति 2021 से आज दिनांक तक 2025 आने के बाद भी समाप्त नहीं हुई है और ना ही 89 दिवस पूर्ण हो पाए हैं।हैरानी की बात है कि यह व्यक्ति राकेश कश्यप कई डाक्टरों के इंसेंटिव की राशि को किसी और डॉक्टर के साथ मिली भगत करके आधा आधा या जो कमीशन रहता होगा खा जाता है। कई डॉक्टर हिम्मत नहीं कर पाते और इसके खिलाफ आवाज भी नहीं उठा पाते हैं।

एक डॉक्टर मनीष तिवारी ने इस मामले में आवाज उठाया उसकी जांच हुई और राकेश कश्यप के फार्मेसी की भी जांच हुई जिसमें फार्मासिस्ट भी जांच टीम को नहीं मिला। जांच टीम पर राकेश कश्यप के पिता द्वारा 50 हजार रिश्वत मांगने का भी आरोप लगाया गया था लेकिन इसके जवाब में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रिश्वत की पेशकश राकेश कश्यप के पिता के द्वारा किया गया था ऐसे अजीब घटना क्रम के बाद जबकि जांच पूरी हो चुकी है राकेश कश्यप पर कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

क्या सब मिल बांट के खा रहे या डर है कि कोई अंदरूनी पोल खुल सकती है इस नहीं हो रही कार्यवाही..?

राकेश कश्यप के ऊपर कारवाई ना होना काफी संध्यास्पद मामला है क्योंकि कार्रवाई अब तक राकेश कश्यप के ऊपर हो जानी चाहिए थी अब हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जांच टीम के द्वारा अपनी रिपोर्ट काफी पहले ही सीएमएचओ कार्यालय में जमा कर दी गई है जिसमें पाया गया है कि राकेश कश्यप दोषी है उनके द्वारा बेबुनियाद और अपनी गलती को छुपाने के लिए तथ्यहीन बातों का प्रयोग किया गया और आरोप लगाया गया यही नहीं उनके द्वारा संचालित फार्मेसी में कोई भी फार्मासिस्ट नहीं पाया गया जो की विधि विरोध है इस बात की पुष्टि खुद सीएमएचओ द्वारा की गई है। सीएमएचओ साहब का कहना है कि डॉ मनीष तिवारी के द्वारा अब तक इंसेंटिव की पूर्ण जानकारी कार्यालय में जमा नहीं की गई है उसके चलते कार्रवाई अब तक नहीं की जा सकी है ऐसे में डॉक्टर मनीष तिवारी भी सवालों के घेरे में खड़े होते हैं क्योंकि जब उनके द्वारा इस मामले पर शिकायत दर्ज कराई गई थी तो ऐसा क्या आधार था उनके पास जो अब नहीं है या अब तक उसकी पूर्ण जानकारी उनके पास नहीं है क्या डॉक्टर मनीष तिवारी को डर है कि अगर राकेश कश्यप पर कोई भी कार्रवाई होती है तो जांच की आज की तपिश में वह भी न जले।

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