नायब तहसीलदार संजीत पाण्डेय बने गजनी या नशे में करते हैं बात की अपने बोले का नही रहता होस..? या शराबी पटवारियों को बचाने कर रहे नौटंकी

सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र अम्बिकापुर प्रशान्त पाण्डेय पटवारी कार्यालय में दारू पार्टी का वीडियो वायरल होने के बाद उसपर करवाही करने के बजाय झाड़ू और वाइपर लेकर लीपापोती करने निकले राजस्व के अधिकारियों का एक और कारनामा सामने आ रहा है। इन अधिकारियों की बाते और काम को देख कर ऐसा लगता है की या तो ये अधिकारी हर समय शराब के नशे में टुन्न रहते हैं या पैसे की गर्मी और अकड़ है या अपना दिमाग धो कर काम में आते हैं या फिर गजनी की बीमारी हो गई है जो बोल कर भी भूल जाते हैं, हम बाकी किसी अधिकारी के बारे में फिर कभी बात करें लेकिन तात्कालिक मामला अभी अम्बिकापुर के नायब तहसीलदार संजीत पाण्डेय का है जिनके द्वारा पटवारी कार्यालय में की शराब पार्टी और पत्रकारों से बदसलूकी के बाद उन पर कार्यवाही की मांग करने वाले पत्रकारों को अपना बयान दर्ज कराने के लिए अपने कार्यालय में बुलाते हैं जिसपर पत्रकार द्वारा 27 मार्च को अपना बयान दर्ज कराने नायब तहसीलदार के ऑफिस जाने पर पता चलता हैं की संजीत पाण्डेय ऑफिस में नही है और वह किसी कार्य से वह राजमोहनी भवन गए हुए हैं जिस पर फोन के माध्यम से जब नायब तहसीलदार से इस पूरे मामले पर बात हुई तो उसने अपने स्टाफ गुरमुख से जा कर मिलने तथा अपना बयान दर्ज करने की बात कही और पत्रकार द्वारा 27/03/2023 को शाम 5:29 मिनट पर अपना बयान गुरमुख के सामने दर्ज करा कर अपना कथन पूर्ण किया। लेकिन जब इस मामले पर लीपापोती की सीमा पार होता देख और ऊक्त मामले पर कोई कार्यवाही ना होता देख 14/04/2023 को नायब तहसीलदार संजीत पाण्डेय को कॉल लगाया गया तब उससे यह जानने की कोशिश की गई की मामले में क्या कार्यवाही हुई है या हो रही है तब संजीत पाण्डेय अपने जुबान से पलट गया और बोलने लगा की आपका बयान हुआ ही नहीं है और जब होगा उसके बाद जो होना है होगा तब पत्रकार द्वारा यह बोला गया की आपके द्वारा मुझे गुरमुख के पास जा करके अपना बयान दर्ज कराने बोला गया था और मैं करा चुका हूं तब बड़ी ही कोमल भाव से संजीत पाण्डेय यह पूछता हैं की इस मामले पर खबर कहां चली थी लेकिन इस मामले पर कई बड़े बड़े मीडिया संस्थानों के द्वारा इस खबर को प्रकाशित किया गया हुआ था और इस मामले में राजस्व विभाग की खूब इज्जत की धज्जियां उड़ी था क्योंकि सरकारी कार्यालय किसी के पिता जी की संपत्ति नही बल्कि सभी आम नागरिकों के लिए समस्या निवारण केंद्र होता है जहां पटवारी आर आई और कर्मचारी तथा भू माफिया दारू पी रहे थे,इस मामले में सब जानते हुए भी ये लोग बेशर्मी की हदें पार करते हुए निर्लजता से पूछते हैं की क्या कोई इस मामले में न्यूज लगाया था लेकिन ऐसे बेशर्म साहब को कौन बताए की आप न्यूज देखें या ना देखें शराबियों के कारण दरूहा वाला टैग तो लगभग 10 से 12 न्यूज चैनल ने यह खबर प्रकाशित करके वो भी सबूत के साथ लगा ही दिया है, बाबजूद इसके क्या बेशर्मी और निर्लज्जता की हदें पार करते हुए…? या नोटों की बोटी ने इनके मुंह सी दिए है…???? जो कार्यवाही करने के नाम पर नुक्कड़ बाजी जैसे नाटक कर आवेदक को परेशान कर रहे हैं। हालाकि इस मामले में दारू पार्टी का तथा संजीत पाण्डेय का यह कहना की बयान नहीं हुआ है आदि सारे बातों का साक्ष्य मौजूद है जो जरूरत पड़ने पर प्रस्तुत किया जाएगा लेकिन

https://youtu.be/VhCpXSbio_4https://www.etvbharat.com/hindi/chhattisgarh/state/sarguja/video-of-liquor-party-at-patwari-office-in-ambikapur-goes-viral/ct20230309221528489489183

https://jantaserishta.com/local/chhattisgarh/patwari-did-liquor-party-in-government-office-2109476

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इतने सारे मीडिया संस्थानों के द्वारा खबर लगने के बाबजूद भी अगर नायब तहसीलदार ये खबर नही देख पाए और आवेदन मिलने के बाद भी कब का मामला कहां का मामला पूछना पड़ रहा है वो भी एक जांचकर्ता अधिकारी को तो इससे बड़े शर्म की बात और कुछ नही हो सकती। और इस बात से यह अंदाजा लगाया भी जा सकता है की नायब तहसीलदार संजीत पाण्डेय क्या जांच कर रहा है और इसके भरोसे क्या जांच हो पाएगी। कहीं ये लोग मामले का ठंडा होने का वैट करके मामले को रफा दफा तो नही करने के फिराक में हैं यह देखने वाली बात है लेकिन पत्रकारों के होते इतनी बड़ी लीपापोती हो पाना असंभव सा प्रतीत होता है

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