गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर छात्राओं द्वारा भावपूर्ण आत्मीय आयोजन

सिंधु स्वाभिमान समाचारपत्र सूरजपुर गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। यह दिन आध्यात्मिक गुरुओं और शिक्षकों को समर्पित है। इस दिन शिष्य अपने गुरुओं की पूजा करते हैं और उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।
गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है?
इसके कई कारण हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:
महर्षि वेदव्यास का जन्मदिवस: यह दिन महर्षि वेदव्यास का जन्मदिवस माना जाता है, जिन्होंने महाभारत, श्रीमद्भागवत और अन्य कई महत्वपूर्ण हिंदू ग्रंथों की रचना की थी। उन्हें हिंदू धर्म में प्रथम गुरु के रूप में भी जाना जाता है।
  भगवान बुद्ध का प्रथम उपदेश: ऐसा माना जाता है कि इसी दिन भगवान बुद्ध ने सारनाथ में अपना पहला उपदेश दिया था। इस कारण बौद्ध धर्म में भी इस दिन का विशेष महत्व है।
  गुरुओं का सम्मान: यह दिन सभी आध्यात्मिक गुरुओं और शिक्षकों को सम्मानित करने और उनके प्रति आभार व्यक्त करने का दिन है, जिन्होंने अपने ज्ञान और मार्गदर्शन से शिष्यों का जीवन रोशन किया है।
गुरु पूर्णिमा का महत्व:
गुरु पूर्णिमा का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत महत्व है।गुरु-शिष्य परंपरा का महत्व: यह दिन गुरु और शिष्य के बीच के पवित्र बंधन को दर्शाता है। यह गुरु के महत्व और शिष्य के समर्पण को याद दिलाता है।
ज्ञान और शिक्षा का महत्व: यह दिन ज्ञान और शिक्षा के महत्व को दर्शाता है। गुरु को ज्ञान का स्रोत माना जाता है और इस दिन उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का विशेष महत्व है।
  आध्यात्मिक विकास: गुरु पूर्णिमा आध्यात्मिक विकास और उन्नति के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। इस दिन गुरु की कृपा से शिष्य अपने आध्यात्मिक मार्ग पर आगे बढ़ते हैं।
  कृतज्ञता का भाव: यह दिन अपने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है, जिन्होंने हमें सही मार्ग दिखाया और जीवन में मार्गदर्शन किया।
संक्षेप में, गुरु पूर्णिमा ज्ञान, श्रद्धा और गुरु-शिष्य परंपरा के महत्व को दर्शाता है। यह दिन हमें अपने गुरुओं का सम्मान करने और उनके प्रति आभार व्यक्त करने की प्रेरणा देता है। इस दौरान कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल सलका अघिना में, रीता गिरी, सत्यवती गुप्ता, सोमनाथ नागेसीय, मधुसूदन गुप्ता, शुभम राय, अरुणा एक्का, निलिमा लकड़ा एवम अन्य स्ताफ एवम छात्राएं ममता गुप्ता, मीरा राजवाड़े, सरिता राजवाड़े एवम सभी छात्राएं शामिल रहे।

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